Gautam Adani News: अडानी ग्रुप के फाउंडर गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिका में बड़े आरोप लगे हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी. यह मामला अमेरिकी कोर्ट तक पहुंच चुका है और अब SEC (Securities and Exchange Commission) ने अडानी ग्रुप के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. SEC का कहना है कि इन दोनों ने अमेरिकी निवेशकों को यह दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनी भ्रष्टाचार से दूर है, जबकि असल में यह सारा मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ था.

क्या है Gautam Adani पर SEC का आरोप?

SEC के अनुसार, गौतम अडानी और सागर अडानी ने भारत में एक बड़े सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का ठेका हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी. इस सोलर प्रोजेक्ट को लेकर अडानी ग्रुप ने अमेरिकी निवेशकों से 750 मिलियन डॉलर की बॉन्ड ऑफरिंग की थी, लेकिन उस समय यह दावा किया गया था कि अडानी ग्रुप भ्रष्टाचार से दूर है. SEC ने कहा कि यह दावा पूरी तरह से गलत था.

SEC का आरोप है कि अडानी ग्रुप (Gautam Adani News) और एक अन्य कंपनी Azure Power ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावाट (GW) सौर ऊर्जा खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था, लेकिन SECI के पास इसे खरीदने के लिए खरीदार नहीं थे. फिर, इन दोनों कंपनियों ने भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई.

SEC के चार्जशीट में क्या है?

SEC की चार्जशीट में यह बताया गया है कि 2014 में भारत सरकार ने घोषणा की थी कि वह 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करना चाहती है, जिसमें से 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से आने का लक्ष्य था. इसके तहत SECI ने एक स्पेशल टेंडर जारी किया था, जिसमें कंपनियों को 3 गीगावाट सोलर एनर्जी निर्माण करने का टास्क दिया गया था. अडानी ग्रीन और Azure Power ने इस टेंडर को जीत लिया.

अडानी ग्रीन ने 2 गीगावाट निर्माण क्षमता का वादा किया, जबकि Azure ने 1 गीगावाट निर्माण क्षमता का वादा किया. लेकिन एक बड़ा मसला सामने आया कि SECI ने इन कंपनियों से ऊर्जा खरीदने की गारंटी नहीं दी. इसके बाद, दोनों कंपनियों ने भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई, ताकि उनकी योजना को सफल बनाया जा सके.

क्या हुआ बाद में?

आरोपों के मुताबिक, अडानी ग्रुप और Azure Power ने भारत के विभिन्न राज्यों के डिस्कॉम्स (बिजली वितरण कंपनियों) को प्रभावित करने के लिए रिश्वत दी. SECI ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से समझौते किए और बाद में इन कंपनियों को सोलर एनर्जी सप्लाई करने का रास्ता साफ किया. SECI ने इन कंपनियों के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट (PPA) साइन किए.

2021 तक, इन दोनों कंपनियों के बीच यह भ्रष्टाचार की पूरी कड़ी सामने आई. SEC का कहना है कि इन कंपनियों ने अपने निवेशकों से यह छिपाया कि उनके सबसे बड़े प्रोजेक्ट के ठेके रिश्वत देकर हासिल किए गए थे.

SEC का चार्ज

SEC ने दावा किया है कि 2022 तक, SECI और भारतीय राज्य सरकारों के बीच पावर सप्लाई एग्रीमेंट्स हुए, जिसमें अडानी ग्रीन को दो-तिहाई और Azure को एक-तिहाई प्रोजेक्ट्स मिले. SEC का कहना है कि इस दौरान गौतम अडानी (Gautam Adani News) और सागर अडानी ने इस भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए कई तरह के कॉर्पोरेट ट्रांजेक्शन्स किए.

SEC के अनुसार, इन ट्रांजेक्शन्स में आंध्र प्रदेश के प्रोजेक्ट्स का बड़ा हिस्सा अडानी ग्रीन को ट्रांसफर किया गया, ताकि यह रिश्वत की रकम चुकाई जा सके. SEC ने इन दोनों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें धोखाधड़ी स्कीम्स चलाने और निवेशकों को गलत जानकारी देने की बात कही है.

Adani Group का पक्ष

अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है. उनका कहना है कि यह सिर्फ आरोप हैं और जब तक कोई दोष साबित नहीं हो जाता, तब तक कोई भी व्यक्ति निर्दोष माना जाता है. अडानी ग्रुप ने दावा किया कि उन्होंने हमेशा सभी कानूनों का पालन किया है और वे अपने निवेशकों और पार्टनर्स को आश्वस्त करते हैं कि वे एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं.

अडानी ग्रुप की शुरुआत और विकास

अडानी ग्रुप (Adani Group) की स्थापना 1988 में गौतम अडानी ने की थी. यह समूह अब भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक बन चुका है. अडानी ग्रुप का विस्तार ऊर्जा, बंदरगाह, हवाई अड्डे, कोयला व्यापार जैसे क्षेत्रों में हुआ है. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, जो 2015 में स्थापित हुई थी, अडानी ग्रुप की नवीकरणीय ऊर्जा शाखा है और यह कंपनी भारत में बड़े पैमाने पर सोलर और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स चला रही है.

गौतम अडानी और सागर की भूमिका

गौतम अडानी (Gautam Adani News) के भतीजे सागर अडानी 2018 में अडानी ग्रीन के बोर्ड में कार्यकारी निदेशक बने थे. वह कंपनी की रणनीति और प्रोजेक्ट्स की निगरानी करते हैं. अडानी ग्रीन ने खुद को सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया की सबसे बड़ी निजी कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है.

देना पड़ सकता है भारी जुर्माना

अभी तक यह मामला अमेरिकी अदालत में चल रहा है और SEC ने जूरी ट्रायल की मांग की है. अगर गौतम अडानी और सागर अडानी पर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें बड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है और उन्हें पब्लिक कंपनियों में किसी भी पद पर कार्य करने से रोका जा सकता है.

रोहित सकलानी न्यूज़ बुलेटिन (newzbulletin.in) के फाउंडर हैं और मार्च 2024 से इस वेबसाइट के जरिए हिंदी समाचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं. वे पिछले 8 साल से मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं, जिसमें कंटेंट राइटिंग, रिपोर्टिंग और विभिन्न प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग शामिल है. टेक्नोलॉजी में उनकी गहरी समझ उन्हें कंटेंट राइटिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एक एक्सपर्ट बनाती है.