Standard Fuel – Petrol price today : देशभर में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आम आदमी परेशान था1 लेकिन जल्द ही उसे महंगे पेट्रोल से राहत मिलने वाली है. दरअसल, मोदी सरकार ने स्टैंडर्ड फ्यूल को मंजूरी दे दी है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद इस बात की पुष्टी की है. गडकरी ने बताया कि जल्द ही देशभर के पेट्रोल पंपों पर यह फ्यूल उपलब्ध होगा.
क्या है स्टैंडर्ड फ्यूल और कैसे मिलेगा फायदा?
स्टैंडर्ड फ्यूल का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी लाना है. इससे आम नागरिकों को सस्ती दरों पर पेट्रोल मिल सकेगा. नितिन गडकरी के अनुसार, इससे पेट्रोल की कीमतें 25 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं. इस फ्यूल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आम लोगों की जेब पर भी असर पड़ेगा, और वे ज्यादा किफायती दरों पर पेट्रोल खरीद सकेंगे.
एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की शुरुआत
सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को मिलेगा. एथेनॉल की कीमत सामान्य पेट्रोल के मुकाबले कम होने की वजह से, इससे वाहनों के लिए ईंधन की लागत में भारी कमी आएगी. एथेनॉल आधारित पेट्रोल की कीमत लगभग 65 रुपये प्रति लीटर होने की संभावना है, जो आम नागरिकों के लिए राहत की बात होगी.
एथेनॉल का उत्पादन और उपयोग
एथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने से तैयार किया जाता है, हालांकि इसे अन्य शर्करा वाली फसलों से भी बनाया जा सकता है. यह जैविक ईंधन पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि पेट्रोल-डीजल के मुकाबले इससे कम प्रदूषण फैलता है. गडकरी ने बताया कि अगर पेट्रोल में 60% एथेनॉल और 40% बिजली का मिश्रण किया जाए, तो इसकी कीमत 20 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है.
एथेनॉल से चलने वाली कारें
परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि जल्द ही एथेनॉल से चलने वाली कारों को बाज़ार में पेश किया जाएगा. टोयोटा कंपनी ने एथेनॉल से चलने वाली कार की लॉन्चिंग की है, जो गन्ने के जूस से चलेगी. इस कार की लागत महज 25 रुपये प्रति लीटर होगी. हालांकि, यह कारें कब उपलब्ध होंगी, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक तारीख नहीं दी गई है.
पर्यावरण के लिए बेहतर
एथेनॉल न सिर्फ सस्ता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी उपयुक्त है. पेट्रोल-डीजल की तुलना में एथेनॉल कम प्रदूषण फैलाता है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा. इसके अलावा, यह कृषि क्षेत्र को भी मजबूत करेगा, क्योंकि एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने और अन्य शर्करा वाली फसलों की अधिक आवश्यकता होगी.
भविष्य में उम्मीदें
सरकार ने 2030 तक 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है, जिससे भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाई जाएगी. आने वाले समय में यह कदम पेट्रोल-डीजल की कीमतों को काबू करने में मदद करेगा और भारतीय नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा.