डायबिटीज (Diabetes) एक खतरनाक समस्या है, जिसे काबू में नहीं किया गया तो वह धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देती है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर लाइफस्टाइल पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज क्यों बनती है?
डायबिटीज का कारण क्या है? शरीर में मौजूद पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करता है और यही हॉर्मोन ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है। लेकिन जब पैंक्रियाज काम करना कम या बंद कर देते हैं, तो इंसुलिन भी कम हो जाता है और खून में ग्लूकोज हाई होने लगता है।
डायबिटीज के मरीज को क्या करना चाहिए?
आयुष मंत्रालय से सर्टिफाइड योगा प्रोटोकॉल इंस्ट्रक्टर गौरव चौहान ने बताया कि डायबिटीज रोग को कंट्रोल करने के लिए योग करना चाहिए। ताड़ासन, पादहस्तासन, मंडूकासन और वक्रासन करने से पैंक्रियाज पर प्रभाव पड़ता है और इंसुलिन का उत्पादन ठीक होने लगता है।
1. ताड़ासन – Tadasana Steps
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सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और पैरों में दो उंगली का गैप रखें, कंधे चौड़े रखें और सिर को ठीक गर्दन के ऊपर रखें। सांस लेते हुए दोनों हाथों को सामने लाएं और उंगलियों को आपस में फंसा लें। अंगूठों को भी मिलाएं और अब हथेली को बाहर की तरफ कर लें।
कोहनियों को सीधा रखें और फिर से सांस भरते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। हाथों को कान के पास रखें और फिर से सांस भरते हुए दोनों एड़ियों को उठा लें।हथेली को आसमान की तरफ खींचें, कुछ सेकेंड खींचाव महसूस करें। आखिर में सांस छोड़ते हुए एड़ियों को जमीन पर रखें और हाथों को आराम से नीचे लटका लें।
2. पादहस्तासन – Padahastasana Steps
सबसे पहले पैरों को जोड़कर खड़े हो जाएं। सांस भरें और दोनों हाथ साइड से ऊपर ले जाएं। अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की तरफ झुकें। दोनों हाथों को पैरों के दोनों तरफ जमीन पर टिकाने की कोशिश करें। इसके बाद सांस लेते हुए आराम से हाथों को उठाएं और ऊपर उठें।
3. मंडूकासन – Mandukasana Steps
सबसे पहले वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों के अंगूठे हथेली के अंदर लेकर मुट्ठी बंद कर लें। दोनों मुट्ठियों को उंगलियों के बाहर से मिलाएं और नाभि को अंदर की तरफ दबाएं। अब सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की तरफ झुकें और नजर सामने रखें। आखिर में सांस लेते हुए सीधे बैठ जाएं।
4. वक्रासन – Vakrasana Steps
सबसे पहले दंडासन (Dandasana) में बैठ जाएं और पैरों को सामने की तरफ फैलाकर मिला लें। दोनों पंजे आसमान की तरफ होने चाहिए। दोनों हथेलियों को कूल्हों के पास रखते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। आपकी दाई एड़ी बाएं घुटने के पास होनी चाहिए। अब दोनों हाथों को कंधों के बराबर फैलाते हुए सांस लें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए दाई तरफ कमर घुमाएं। अब दायां हाथ दाएं कूल्हे के पीछे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ें। सिर को दाएं कंधे की तरफ रखते हुए कंधे को देखते रहें। इसी अवस्था में कुछ सेकेंड सांस लें। इस मुद्रा में बायां पंजा आसमान की तरफ ही रखें। आखिर में सांस छोड़ते हुए आराम करें।