Tatiya Sthan : भारत में कई ऐसे मंदिर और धार्मिक स्थान हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं. इन्हीं में से एक है टटिया स्थान. ऐसा कहा जाता है कि 21वीं सदी में होने के बावजूद इस स्थान पर अभी तक कलयुग नहीं आया है. टटिया स्थान, वृंदावन का ऐसा धाम है जहां आज भी यह कलयुग से अछूता है.
Tatiya Sthan की पवित्रता
यहाँ भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं. टटिया स्थान स्वामी हरिदास संप्रदाय से जुड़ा है. स्वामी हरिदास को बांके बिहारी जी का परम भक्त माना जाता है. उन्होंने वृंदावन के पक्षियों, फूलों और पेड़ों से दिव्य संगीत की शिक्षा ली. यहाँ ठाकुर जी की सेवा के साथ-साथ गोसेवा और संतसेवा भी की जाती है. टटिया स्थान एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां भक्त प्रकृति से जुड़ता है.
टटिया स्थान की मान्यता
कई लोगों का कहना है कि यहां ठाकुर जी आज भी वास करते हैं. इस स्थान को बेहद पवित्र और दिव्य माना जाता है. यहाँ आज भी भक्त बिना पंखा और एसी के बिना रहते हैं. यहाँ लोग दीये जलाकर रहते हैं और भगवान श्री कृष्ण की पूजा बेहद भव्य तरीके से की जाती है.
इस स्थान का नाम कैसे पड़ा टटिया?
टटिया स्थान बांस के डंडों से घिरा हुआ है और स्थानीय भाषा में बांस को टटिया कहा जाता है. इसलिए इस स्थान को टटिया स्थान कहा जाता है. यह स्थान वृंदावन के अन्य स्थानों से बेहद अलग है. टटिया स्थान यमुना नदी के बेहद पास है. इस स्थान की दिव्यता भक्तों को श्रीकृष्ण की उपस्थिति की अनुभूति कराती है.