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SDM Aadesh kumar: बेटे की पढ़ाई के लिए मां-बाप ने की जीतोड़ मेहनत, दर्जी के बेटे ने SDM बन नाम किया रोशन

SDM Aadesh kumar: अगर आप सच्ची लगन से किसी भी काम को करते हैं, तो एक ना एक दिन सफलता आपको मिल ही जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी है एसडीएम आदेश कुमार की, जिन्होंने अपनी जीतोड़ मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि कुमार किसी अमीर परिवार से नहीं, बल्कि एक दर्जी के बेटे हैं. उनके मां-बाप की दिन रात की मेहनत का ही नतीजा था कि आदेश कुमार ने पढ़ाई का साथ कभी नहीं छोड़ा और आज वे एक अफसर बन चुके हैं.

SDM Aadesh kumar: परिवार ने दिया पूरा साथ

अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद आदेश कुमार ने आगे पढ़ने की ठानी तो उनके परिवार ने पूरा साथ दिया. बताते हैं कि आदेश के मां-बाप दिन रात कपड़े सिलकर अपने बेटे को पढ़ा रहे थे. पिता बाहर तो मां घर पर ही कपड़े सिलती थी. दोनों ने मिलकर अपने बेटे को बीटेक कराया.

बेटे ने भी अपने माता-पिता के इस समर्पण को देखा और कुछ कर गुजरने की ठानी. एक वक्त ऐसा भी आया जब पड़ोसी आदेश के पिता को बोलने लगे कि बेटे पर खर्चा कम करो चार पैसे बचाओगे. लेकिन उन्होंने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया.

SDM Aadesh kumar: 2017 में दिया पीसीएस एक्जाम

इसके बाद आदेश ने भी खूब मेहनत की और जल्द कामयाबी हासिल की. साल 2017 में आदेश पीसीएस का एग्जाम पास कर नायब तहसीलदार बन गए. उसके बाद वह अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए लगातार पढ़ाई करते रहे. उन्होंने साल 2020 में यूपीपीसीएस परीक्षा पास की और एसडीएम बन गए, लेकिन जब बेटा एसडीएम बना तो पिता इस दुनिया में नहीं थे.

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जब बेटे आदेश को बीटेक की पढ़ाई के लिए बाहर भेजना था तो परिवार के पास पैसे नहीं थे. इसके लिए आदेश के पिता ने अपने घर पर लोन लिया और बेटे को बीटेक कराने के लिए झांसी भेज दिया. इसके अलावा उन्होंने फैक्ट्री से कपड़े घर लाकर सिलाई करना भी शुरू कर दिया. वह इतना काम करते थे कि महज 4 घंटे ही सो पाते थे.

बेटे ने जब बीटेक कर लिया और आदेश का सेलेक्शन टीसीएस में हो गया तो घर के हालात सुधरने लगे. आदेश कुमार की पढ़ाई सहारनपुर से ही हुई है. आदेश साल 2015 से यूपीपीसीएस एग्जाम दे रहे हैं. इससे अलग अलग पद पर उनका सेलेक्शन भी हुआ लेकिन एसडीएम का पद उन्हें साल 2020 में मिला.