Placeholder canvas

Atal Bihari Vajpayee को कांग्रेस नेता ने बताया अंग्रेजों का जासूस, कहा-अटल ने सिर्फ भीड़ को उकसाया

New Delhi: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री Atal Bihari Vajpayee को लेकर कांग्रेस के एक नेता ने विवादित बयान दिया है. कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने पूर्व पीएम वाजपेयी को अंग्रेजों का जासूस बताया है.

कांग्रेस नेता ने दावा किया है उन्होंने ब्रिटिश मुखबिर के नाते काम किया. साथ ही नेली नरसं हार हो या फिर बाबरी विध्वंस, उन्होंने भीड़ को भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी.

ये भी पढ़ें : धूम मचाने आ रही सबसे सस्ती Mahindra Thar, 10 लाख होगी कीमत… लांच को तैयार

Atal Bihari Vajpayee की पुण्यतिथि पर दिया विवादित बयान

दरअसल, पूर्व पीएम Atal Bihari Vajpayee की 25 दिसंबर को 98वीं जयंती मनाई गई. इसी दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के कॉर्डिनेटर ने रविवार को टि्वटर पर दो ट्वीट्स किए, जिनमें उन्होंने ये बातें कहीं.

पांधी के मुताबिक, साल 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के और सभी सदस्यों की तरह वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन का बहिष्कार किया था. उन्होंने आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के खिलाफ ब्रिटिशर्स के मुखबिर की भूमिका निभाई थी. नेली नरसंहार हो या बाबरी विध्वंस …वाजपेयी ने भीड़ को उकसाने में अहम भूमिका निभाई.

बकौल पांधी, यही वजह है कि आज भाजपा नेता हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल या अन्य कांग्रेस नेताओं से करते हैं न कि वीडी सावरकर, Atal Bihari Vajpayee या फिर गोलवलकर से. वे सच्चाई जानते हैं!.

सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है Atal Bihari Vajpayee का जन्मदिन

बता दें कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में (25 दिसंबर 1924) वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह बीजेपी के संस्थापकों में से एक थे और तीन बार प्रधानमंत्री रहे.

उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था. फिर वह 1998 में पीएम बने और आगे 13 महीने तक इस पद पर रहे थे. 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने. वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया.