Parliament Canteen: संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और हर बार की तरह संसद कैंटीन खबरों में हैं. क्या आप जानते हैं कि संसद की कैंटीन में क्या मिलता है और उसकी कीमतें क्या हैं? 70 सालों में यहां कितना बदलाव आया है?
हाल ही में संसद कैंटीन को और एडवांस्ड बनाया गया है, जिसमें मिलेट की डिशेज भी शामिल किए गए हैं. हालांकि, संसद की कैंटीन की सब्सिडी करीब दो-तीन साल पहले खत्म की जा चुकी है. पहले यह अपने सस्ते भोजन के लिए मशहूर थी, अब वहां सभी खाने के आइटम्स की कीमतें बढ़ चुकी हैं, लेकिन यह अब भी बाहर के होटलों और रेस्तरां की तुलना में सस्ती मानी जाती है.
ITDC चलाती है संसद कैंटीन
संसद भवन परिसर में कैंटीन का प्रबंधन पहले उत्तरी रेलवे द्वारा किया जाता था, लेकिन जनवरी 2021 से यह भारत पर्यटन विकास निगम (ITDC) द्वारा चलाई जा रही है. नई रेट लिस्ट के अनुसार, इस कैंटीन में एक रोटी की कीमत ₹3 है, चिकन बिरयानी ₹100 और चिकन करी ₹75 की है. सैंडविच की कीमतें ₹3 से ₹6 तक हैं और वेज थाली ₹100 में मिलती है.
Parliament Canteen का इतिहास
संसद की कैंटीन का अपना इतिहास है. आजादी के बाद से ही सांसदों, संसद परिसर कर्मचारियों और आने वाले डेलिगेट्स और मेहमानों की आवभगत अपने बढ़िया खाने से होती रही है. पहले संसद की कैंटीन छोटी और परंपरागत थी. गैस के चूल्हे बाद में आए, पहले लोकसभा का स्टाफ ही कैंटीन चलाने के लिए मुकर्रर था. 60 के दशक में कैंटीन में आमूलचूल बदलाव हुए और ईंधन के तौर पर एलपीजी का इस्तेमाल शुरू हुआ. इसके बाद भारतीय रेलवे को कैंटीन चलाने का जिम्मा सौंपा गया.
कैंटीन का मुख्य किचन
संसद में एक मुख्य किचन है, जहां खाना बनकर तैयार होता है और फिर संसद परिसर की 5 कैंटीनों में ले जाया जाता है. सुबह से ही सब्जियां, दूध, मीट और अन्य जरूरी सामान कैंटीन में पहुंच जाते हैं. 2008 के आसपास कैंटीन में बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल शुरू हुआ.
400 लोगों का स्टाफ बनाता है 5 हजार लोगों का खाना
आईआरसीटीसी के समय कैंटीन में 400 लोगों का स्टाफ था. सत्र के दौरान कैंटीन में 5000 लोगों का खाना बनता है. खाने को 11 बजे तक तैयार कर लिया जाता है. पहले Parliament Canteen में 90 तरह के खाने के आइटम मिलते थे, लेकिन अब भारतीय पर्यटन विकास निगम ने इसे घटाकर 48 कर दिया है.
कैंटीन के लिए अनाज, दलहन, तेल, घी, मसाले आदि केंद्रीय भंडार से खरीदे जाते हैं. सब्जियां और फल मदर डेयरी से आते हैं. दूध दिल्ली दूध स्कीम से लिया जाता है. सभी खाद्य सामग्री की कड़ी चेकिंग होती है.