महादेव की पूजा यदि सच्चे मन और आस्था के साथ की जाए तो वह सबसे जल्द प्रसन्न होते हैं. पुराणों में इस बात का जिक्र कई बार किया गया है. शिवजी सबसे जल्दी प्रसन्न होते है, इसीलिए उन्हें भोले भंडारी भी कहा जाता है. लेकिन भगवान शिव की पूजा में कुछ ऐसी चीजें है जिनका भक्तों को विशेष ध्यान रखना चाहिए.
पुराणों में जिक्र किया गया है कि शिवजी सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं. लेकिन, कुछ चीजों ऐसी है जिन्हें भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपको पूजा का पूरा फल प्राप्त नहीं हो पाता है. आज हम आपको कुछ ऐसी ही शिव पूजा के नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।
वर्जित है महादेव की पूजा में इन चीजों का उपयोग
1. शंख
भगवान शिव का अभिषेक आप लौटे में जल भर कर सकते हैं, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखें की कभी भी शंख में जल भरकर शिवजी का अभिषेक नहीं करना चाहिए. इसके पीछे एक पौराणिक कथा का वर्णन शास्त्रों में मिलता हे. कथा के अनुसार, दैत्य शंखचूड सभी देवी देवता परेशान थे. तब भगवान शिव ने त्रिशूल से शंखचूड़ का वध कर दिया. वध के साथ ही उसका शरीर राख हो गया और उसी राख से शंख की उत्पत्ति हुई. चूंकि भगवान शिव ने दैत्य शंखचूड का वध किया था, इसलिए उनकी पूजा में शंख का प्रयोग नहीं किया जाता.
2. टूटे चावल चढ़ाएं
भगवान शिव की पूजा में हमेशा अक्षत का विशेष महत्व रहा है. अक्षत यानी की साबूत चावल. लेकिन ध्यान रहे कि भगवान शिव को भूलकर भी टूटा चावल नहीं चढ़ाना चाहिए. दरअसल टूटा हुआ चावल पूर्ण नहीं होता है इसे अशुद्ध माना जाता है. इसलिए यह शिवजी को अर्पित नहीं करना चाहिए.
3. तुलसी का पत्ता
तुलसी को हमारे शास्त्रों में बेहद पवित्र माना गया है. किसी भी पूजन के समय शुद्धता के लिए तुलसी का प्रयोग किया जाता है. लेकिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता. दरअसल, शास्त्रों में जिक्र है कि तुलसी असुर जालंधर की पत्नी थी. कथा के अनुसार, भगवान शिव ने जालंधर का वध कर दिया था, जिससे क्रोधित होकर तुलसी ने खुद ही भगवान शिव की पूजा से वंचित कर दिया था.
4. नारियल या नारियल का पानी
महादेव की पूजा में गन्ने का रस, दूध, शहद, दही आदि चीजें अर्पित की जाती हैं. लेकिन नारियल या नारियल का पानी अर्पित नहीं करना चाहिए. देवताओं पर चढ़ाई जाने वाली चीजों का स्वयं ग्रहण करना आवश्यक होता है, लेकिन शिवलिंग पर चढ़ाई गईं चीजों का ग्रहण करना वर्जित है. इसलिए शिवलिंग का नारियल के पानी से अभिषेक नहीं किया जाता.
5. कुमकुम, सिंदूर व रोली
कुमकुम, सिंदूर व रोली से अन्य देवी देवताओं की पूजा की जाती है. लेकिन महादेव की पूजा में इनका प्रयोग वर्जित बताया गया है. हल्दी की तरह इनमें भी स्त्री तत्व होता है, जिसकी वजह से महिलाएं पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए मांग में लगाती हैं. लेकिन शिवलिंग की इन चीजों से पूजा अर्चना नहीं करना चाहिए. आप शिवलिंग की पूजा में चंदन या भस्म का प्रयोग कर सकते हैं. वहीं ध्यान रखना चाहिए कि शिवलिंग पर हमेशा कांसे, अष्टधातु या पीतल के बर्तन या लोटे से ही जल चढ़ाएं, लोहे या स्टील के बर्तन से नहीं.