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Black Tomato Farming: काले टमाटर की खेती बना रही मालामाल, कैंसर-शुगर की है ‘संजीवनी बूटी’

Black Tomato Farming: टमाटर ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक भी होता है. लेकिन अब तक आपने सिर्फ हरे या फिर लाल टमाटर ही देखे होंगे.

अब मार्केट में इन दिनों काले रंग का टमाटर भी आ गया है. जी हां.. बिल्कुल सही सुना इन दिनों काले टमाटर की खेती किसानों को मालामाल बना रही है.

अपने खास रंग और औषधीय गुणों की वजह से काले टमाटर को लोग हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. इस टमाटर (Black Tomato Farming) को कैंसर से लेकर शुगर तक के मरीजों के लिए संजीवनी बूटी की तरह माना जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में औषधीय गुण है, जो कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है.

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वैसे इस काले टमाटर का वैज्ञानिक या यू कहें कि अंग्रेजी नाम इंडिगो रोज टोमेटो कहा जाता है. सबसे पहले इस टमाटर की खेती इंग्लैंड में हुई थी, लेकिन अब भारत में कई किसान इसकी खेती करने लगे हैं.

Black Tomato Farming: कैंसर से लेकर कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता

काले टमाटर के अंदर फ्री रेडिकल्स से लड़ने की क्षमता होती है. दरअसल, फ्री रेडिकल्स बहुत ज्यादा एक्टिव होते हैं और शरीर के अंदर स्वस्थ सेल्स को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. इसी वजह से काले टमाटर का इस्तेमाल कैंसर की रोकथाम के लिए किया जाता है.

इसके अलावा ये टमाटर आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं. यह शरीर में विटामिन ए और विटामिन सी की कमी को पूरा करता है. विटामिन ए आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

इसके साथ अगर आप नियमित रूप से काले टमाटरों का सेवन करते हैं तो आप दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचे रह सकते हैं. इसमें पाया जाने वाले एंथोसाइनिन आपको हार्ट अटैक से बचाता है और आपके दिल को सुरक्षा प्रदान करता है.

Black Tomato Farming: कैसे शुरू हुई काले टमाटर की खेती

काले टामटर की खेती (Black Tomato Farming) सबसे पहले रे ब्राउन ने की थी. उन्होंने जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए काले टमाटर को तैयार किया था. यह टमाटर पूरे यूरोप में ‘सुपरफूड’ के रूप में जाना जाता है.

रे ब्राउन ने इंडिगो रोज रेड और बैंगनी टमाटर के बीजों को आपस में मिलाकर इस बीज तैयार किया था. ये हाइब्रिड टमाटर इंग्लैंड की तरह भारतीय जलवायु में भी अच्छे ढंग से उग जाता है.

आसान है Black Tomato Farming

वैसे इसकी खेती भी आम लाल टमाटर की तरह की जाती है. इस किस्म के टमाटर की खेती के लिए गरम जलवायु वाल क्षेत्र सही माना जाता है.

काले टमाटर की पौध (Black Tomato Farming) ठंडे स्थानों पर विकसित नहीं हो पाती और इसकी खेती के लिए बेहतर जल निकासी होना बहुत जरूरी है. हालांकि, इन पौधों में लाल रंग के टमाटरों के मुकाबले काफी देर बाद पैदावार होना शुरू होती है.

अलग रंग और गुण होने के वजह से इसकी कीमत बाजार में लाल टमाटर के मुकाबले ज्यादा है. यह बाहर से काला और अंदर से लाल होता है. इसको कच्‍चा खाने में न ज्यादा खट्टा है न ज्यादा मीठा, इसका स्वाद नमकीन जैसा है.

Black Tomato Farming: कितनी होगी कमाई

यहां सबसे अच्छी बात यह है कि काले टमाटर की खेती में करीब उतना ही खर्च आता है, जितना लाल टमाटर की खेती में पैसा लगता है. काले टमाटर की खेती में सिर्फ बीज का पैसा अधिक लगता है.

काले टमाटर की खेती में पूरा खर्चा निकालकर प्रति हेक्टेयर 4-5 लाख का मुनाफा हो सकता है. काले टमाटर की पैकिंग और ब्रांडिंग के जरिए मुनाफा और बढ़ जाएगा. पैकिंग करके आप इसे बड़े महानगरों में बिक्री के लिए भेज सकते हैं.