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Molten Salt Battery: अब आधी कीमत पर मिलेगी 2000KM की रेंज! पानी से बनी बैटरी से हजारों मील दौड़ेंगी कारें

Molten Salt Battery: इलेक्ट्रिक वाहनों में इस समय सबसे बड़ी समस्या बैटरी चार्ज करने और उसकी रेंज को लेकर है. लेकिन वैज्ञानिकों ने ऐसा कमाल कर दिया है, जिससे आने वाले वक्त में ना सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत आधी हो जाएगी, बल्कि एक बार चार्ज करने पर ही वो 2000 किमी तक दौड़ सकेंगी.

दरअसल, अभी मार्केट में जो इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं वह सिंगल चार्ज में ज्यादा से ज्यादा 500 किमी की दूरी तय करती हैं. जबकि बाजार में जो सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है उसकी कीमत भी 15 लाख रुपये है. लेकिन, वैज्ञानिकों के इस कमाल के बाद अब इलेक्ट्रिक कार सिंगल चार्ज में 2000 किमी चल पाएगी और उसकी कीमत भी लगभग आधी हो जाएगी.

Molten Salt Battery: यूरोपीय वैज्ञानिकों ने किया कमाल

वेबसाइट euronews.com के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने समुद्र के पानी से एक बैटरी (Molten Salt Battery) बनाई है, जो मौजूदा लीथियम बैटरी की तुलना में काफी सस्ती होगी. यही नहीं यह बैटरी आम बैटरी से चार गुना ज्यादा पावरफुल है. मतलब यह है कि इस बैटरी में लीथियम बैटरी की तुलना में 4 गुना अधिक ऊर्जा स्टोर की जा सकती है.

दरअसल, इस बैटरी में सोडियम-सल्फर का इस्तेमाल किया गया है. यह एक तरह का मोल्टेन सॉल्ट है जिसे समंदर के पानी से बनाया जाता है. यह बैटरी, लीथियम की तुलना में काफी सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल है.

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रिन्यूएबल ऊर्जा क्षेत्र में आएगी क्रांति

इस उपलब्धि को रिन्यूएबल ऊर्जा क्षेत्र में एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं ने इस बैटरी (Molten Salt Battery) को बनाई है. प्रमुख शोधकर्ता डॉ. शेनलॉन्ग झाओ का कहना है कि मौजूदा लीथियम बैटरी की तुलना में इस सोडियम बैटरी की कीमत काफी कम रहने और चार गुना अधिक ऊर्जा स्टोरेज की क्षमता है. आने वाले समय में अगर इस बैटरी का उत्पादन व्यापक स्तर पर किया जाए तो इसकी कीमत काफी कम हो जाएगी.

दुर्लभ खनिज पदार्थों से बनती हैं बैटरियां

मौजूदा समय में बाजार में उपलब्ध बैटरियों में दुर्लभ खनिज पदार्थों जैसे लीथियम, ग्रेफाइट और कोबाल्ट का इस्तेमाल किया जाता है. इन पदार्थों की कीमत काफी अधिक है और इनका भंडार दुनिया के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही है. ऐसे में ये पदार्थ काफी महंगे होते जा रहे हैं.

Molten Salt Battery: वरदान बन सकती है सी-सॉल्ट बैटरी तकनीक

लीथियन और अन्य रेयर अर्थ मैटेरियल की महंगाई, उनके खनन और प्रोसेस में आने वाली लागता और इनसे पर्यावरण को नुकसान को देखते हुए आने वाले समय में सी-सॉल्ट से बनी बैटरियों का भविष्य काफी शानदार दिख रहा है. यह तकनीक भारत जैसे देशों के भी शानदार है. क्योंकि यहां पर रेयर अर्थ मैटेरियल का भंडार काफी कम है. दूसरी तरह भारत तीन तरफ से समंदर से घिरा है और इसके पास प्रचूर मात्रा में सॉल्टेड वाटर मौजूद है.

क्या है Molten Salt Battery

Molten Salt Battery का कंसेप्ट नया नहीं है. इसे बीते 50 सालों से आजमाया जा रहा है. अभी तक इसमें में ऊर्जा भंडार करने की क्षमता काफी कम रहती थी, लेकिन ताजा शोध में वैज्ञानिकों ने इस कमी को दूर करने का दावा किया है.

वैज्ञानिकों ने इस बैटरी में लगे इलेक्ट्रोड्स को बदल दिया है. इससे सल्फर के साथ इसका रिएक्शन काफी बेहतर हो गया है और इससे ऊर्जा स्टोरेज की क्षमता काफी बढ़ गई है.