आपने चोरी की तमाम अजीबोगरीब घटनाएं सुनी होंगी, लेकिन आज हम जिस चोरी (Largest Car Theft) के बारे में बताने जा रहे हैं उसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। एक शख्स ने 6 अरब रुपये की कार मंगा ली।
जब कार पहुंच गई तो आज तक पैसे नहीं (Largest Car Theft) दिए। कार कंपनी और यहां तक कि सरकार उसके पीछे लगी, तब भी वह शख्स पैसे देने से इनकार कर रहा है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी कहा जा रहा है।
यह कहानी है उत्तर कोरिया की। 1970 के दशक में उत्तर कोरिया ने स्वीडन से 1,000 वोल्वो कारों (Largest Car Theft) का ऑर्डर दिया था। कारों को भेज दिया गया और वितरित भी कर दिया गया, लेकिन उत्तर कोरिया ने चालान को अनदेखा कर दिया और भुगतान करने से इनकार कर दिया। आज तक 70 मिलियन डॉलर यानी तकरीबन 6 अरब का यह बिल बकाया है, जो इसे इतिहास की सबसे बड़ी कार चोरी बनाता है।
In the 1970s, North Korea ordered 1,000 Volvo cars from Sweden. The cars were shipped and delivered, but North Korea simply ignored the invoice and refused to pay. Till this day the bill for $70 Million remains unpaid making it the largest car theft in history 😳💰 pic.twitter.com/xtit2pjBUe
— Pubity (@pubity) April 21, 2023
उसी साल सभी कारें डिलीवर भी कर दी
कारों का यह ऑर्डर उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग-उन के दादा किम इल-सुंग ने 1974 में दिया था। तब सेडाना वोल्वो 144 काफी मशहूर हुआ करती थी। लोग उसकी ताकत और बनावट की दाद देते थे। कंपनी को ऑर्डर मिला और उसी साल सभी कारें डिलीवर भी कर दी गईं। तब से 49 साल हो गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया अभी भी यह बिल चुकाने के मूड में नहीं है। टि्वटर पर @pubity एकाउंट से यह खबर शेयर की गई है जो वायरल हो रही है।z
हर साल दो बार यह बिल भेजते हैं अधिकारी
आप जानकर हैरान होंगे कि स्वीडिश अधिकारी उत्तर कोरिया को हर साल दो बार यह बिल उत्तर कोरिया की सरकार को भेजते हैं। यह भी बताते हैं कि भुगतान नहीं होने की वजह से बकाया राशि, ब्याज और अन्य करों की वजह से देनदारी बढ़ रही है, इसके बावजूद उत्तर कोरिया पर कोई फर्क महसूस नहीं होता।
ऐसा लगता है कि अब सरकार भुगतान नहीं करना चाहती।हालांकि, एक और दंग करने वाली बात है कि स्वीडिश सरकार पहले ही कार बनाने वाली कंपनी को एक-एक पैसे का भुगतान कर चुकी है। हालांकि, उसे निर्यात किए गए सामानों के लिए उत्तर कोरिया से पैसा लेना होता है।