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साधारण परिवार से आने वाले भारतीय छात्र को फेसबुक ने दिया 18 करोड़ का पैकेज

कहा जाता है कि कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है. फेसबुक ने कंप्यूटर साइंस के एक भारतीय छात्र को सालाना 1.8 करोड़ रुपये का पैकेज देने की पेशकश की है और छात्र ने इस पैकेज को स्वीकार भी कर लिया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद यह छात्र लंदन के लिए फ्लाइट पकड़ेगा और कंपनी ज्वाइन कर लेगा.

वे कोलकाता के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है. इस छात्र का नाम बिसाख मंडल है. छात्र की मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. मीडिया ने छात्र की मां से बात की तो उन्होंने कहा कि उनको बेटे पर गर्व है.

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र बिसाख मंडल कंप्यूटर साइंस के चौथे वर्ष के छात्र हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इस साल सितंबर में लंदन जाना है. सुनने में काफी अच्छा लगता है, लेकिन इसके पीछे बहुत ही कड़ी मेहनत है.


क्या किया और कैसे मिला मौका
कोलकाता की जादवपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) में पढ़ने वाले छात्र बिसाख मंडल कंप्यूटर साइंस के चौथे साल के स्टूडेंट हैं. बिसाख ने कहा कि इस साल इस साल सितंबर में उन्हें लंदन जाना है. सुनकर अच्छा लगता है, लेकिन इसके पीछे कड़ी मेहनत है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, बिसाख ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, “मुझे मंगलवार को जॉब ऑफर मिला. कोरोना महामारी के दौरान पिछले दो सालों में, मुझे कई संस्थानों में इंटर्नशिप करने का मौका मिला और इससे मुझे पढ़ाई के बाहर भी ज्ञान इकठ्ठा करने में मदद मिली. इसने मुझे इंटरव्यू निकालने में भी मदद की.”

गूगल और अमेज़न ने भी दिया ऑफर
मंडल को गूगल (Google) और अमेज़न (Amazon) से भी जॉब ऑफर मिले थे, लेकिन उन्होंने फेसबुक के ऑफर को स्वीकार करना उचित समझा. उन्होंने बताया, “मैं सितंबर में फेसबुक ज्वाइन करूंगा. इस जॉब को स्वीकार करने से पहले, मुझे गूगल और अमेज़न से भी जॉब ऑफर मिले थे. फेसबुक ने सबसे ज्यादा पैकेज ऑफर किया था, इसलिए मुझे लगा कि इसे चुनना सही रहेगा.”

माता-पिता को बेहद खुशी
एक टीवी चैनल से बात करते हुए मंडल से जब यह पूछा गया कि उनके मां-बाप की इस खबर पर क्या प्रतिक्रिया थी, तो उन्होंने बताया, “जाहिर है, मेरे माता-पिता इस खबर से बहुत ज्यादा खुश हैं.”

मंडल पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहट के रहने वाले हैं और एक सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं. उनकी माता शिबानी मंडल आंगनबाड़ी में काम करती हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका बेटे हमेशा से पढ़ने में काफी तेज था और वह अपने बेटे की सफलता से काफी खुश हैं.

उन्होंने कहा, “परिवार के लिए गर्व की बात है. उसे सफल होते देखने के लिए हमने काफी संघर्ष किए हैं. वह अपनी पढ़ाई को लेकर हमेशा से गंभीर रहा है. इंटरमीडिएट में अच्छे नंबर और ज्वाइंट एंट्रेस एग्जाम में अच्छी रैंक के बाद उसे जादवपुर यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला था.”