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तलाकशुदा पति भी पत्नी से कर सकता हैं मेंटेनेंस का दावा, पर किस हालात में, कैसे मिलेगा? जानें

आम तौर पर पति-पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट आने और दोनों के अलग होने पर पत्नी कोर्ट के माध्यम से पति से गुजारा भत्ता का दावा करती है। कोर्ट के आदेश पर उसे गुजारा भत्ता मिलता भी है, लेकिन पति जब पत्नी से गुजारा भत्ता मांगे तो मामला अजीब लगता है। लेकिन ऐसा हुआ है। महाराष्ट्र के बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने एक महिला को अपने तलाकशुदा पति को हर महीने तीन हजार रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।

अप्रैल 1992 में हुई शादी के कुछ दिन बाद एक महिला ने अपने पति पर क्रूरता का आरोप लगा नांदेड़ की एक अदालत में तलाक की अर्जी दी। 2015 तलाक को मंजूरी मिल गई और दोनों अलग हो गए। इसके बाद पति ने खुद को बेरोजगार और असहाय बताते हुए महिला से गुजारा भत्ता पाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी।

उसने कहा कि पत्नी काफी पढ़ी लिखी है और स्कूल में टीचर है। वह हर महीने 30 हजार रुपए पाती है। उसने कहा कि उसे 15 हजार रुपए हर महीने दिए जाएं। कई बार की सुनवाई के बाद बांबे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने उसको गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

पति को पत्नी से गुजाराभत्ता पाने के लिए कुछ शर्ते होती हैं। वह सामान्य हालात में गुजारा भत्ता नहीं पा सकता है। कोई भी तलाकशुदा पति अपनी पत्नी से तभी गुजारा भत्ता पा सकता है, जब पति अपनी जिंदगी खुद से चलाने में असमर्थ हो और उसके पास निजी जरूरतों के लिए भी पैसे न हों। उसकी हालत ऐसी न हो कि वह पैसे कमा सके। पति-पत्नी का कोर्ट केस चल रहा हो और पति के पास उसमें आ रहे खर्च को उठाने के लिए पैसे न हो। पत्नी खुद कमा रही है और पति की मदद करने में सक्षम हो।

लेकिन अगर पत्नी ने कोर्ट में यह साबित कर दिया कि पति ने दूसरा विवाह कर लिया है, या उसका किसी के साथ प्रेम संबंध है। पति कमाता है और अपने खर्चे उठाने में सक्षम है, तब पति गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकता है। इस दौरान यह भी देखा जाता है कि दोनों की अलग-अलग कितनी आय है और कितना खर्च है। साथ ही बच्चे किसके साथ हैं।