Vaishno Devi की यात्रा आने वाले दिनों में बहुत ही आसान होने वाली है. अब घंटों का 13 किलोमीटर लंबा सफर कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाएगा. दरअसल लंबे समय से अटकी हुई रोपवे परियोजना को लागू करने का श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने लागू करने का फैसला कर लिया है.

इस रोपवे के तैयार हो जाने से लाखों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा करना और भी आसान हो जाएगा. खासकर बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी.

13 किलोमीटर की लंबी चढ़ाई के बाद होते हैं माता के दर्शन

बता दें कि अभी कटरा से भवन की दूरी 13 किलोमीटर है. जिसे श्रद्धालु पैदल ही पूरा करते हैं. हालांकि, बुजुर्गों और चलने फिरने में असमर्थ लोगों के लिए घोड़े, पालकी की सुविधा मौजूद है. 13 किलोमीटर की लंबी चढ़ाई चढना हर किसी के लिए चुनौती भरा होता है.

भवन तक Ropeway योजना होगी शुरू

श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बताया कि रोपवे योजना माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बड़ी राहत देगी. बुजुर्ग यात्रियों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा. गर्ग ने रोपवे योजना की घोषणा करते हुए कहा कि हर साल माता के दर्शनों के आने वाले श्रद्धालुओं में बढ़ोत्तरी हो रही है. रोपवे परियोजना से हर साल बढ़ने वाले श्रद्धालुओं की आवश्यकता भी पूरी हो सकेगी.

Vaishno Devi के दर्शन करने पिछले साल आए थे 95 लाख श्रद्धालु

श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए पिछली साल 95 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे. यह हर साल आने वाले भक्तों की संख्या में नया रिकॉर्ड बन रहा है. रोपवे परियोजना पर कई सालों से लगातार चर्चा चल रही थी. बोर्ड ने आखिरकार यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस शुरू करने का फैसला लिया है. बुजुर्ग और दिव्यांग के साथ कई ऐसे लोग हैं जो 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़ सकते. साथ ही उन लोगों को भी फायदा होगा जो हेलीकॉप्टर सेवाओं की सीमित क्षमता के कारण कठिन चढ़ाई पूरी नहीं कर सकते.

जल्द शुरू होगा जमीनी काम

बोर्ड की तरफ से योजना का प्लान तैयार हो चुका है, इसमें स्थानीय दुकानदारों का भी ख्याल रखा गया है. उन्हें परेशानी न हो इस बात का भी ध्यान दिया जाएगा. रोपवे की जो योजना बनाई गई है उसके मुताबिक ताराकोट मार्ग को मुख्य तीर्थ क्षेत्र भवन से जोड़ेगा. इस दौरान पर्यावरण को भी कोई नुकसान न पहुंचे इसका भी ध्यान रखा जाएगा. श्रद्धालुओं को रोपवे से त्रिकुटा पहाड़ियों के शानदार दर्शन होंगे. रोपवे योजना शुरू होने के बाद पैदल मार्ग पर भी लोगों की आवाजाही कम होगी और घंटों की यात्रा मिनटों की होकर रह जाएगी.