महिलाओं को थायरॉइड का खतरा बहुत ज्यादा होता है. ये ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षणों के बारे में 60 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं जानती तक नहीं हैं. दरअसल थायरॉइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है.
यह गर्दन के सामने वाले हिस्से पर होती है. यह टी3 और टी4 हार्मोन बनाती है और फिर उसको स्त्राव करती है. टी3 और टी4 हार्मोन बॉडी में कई अहम चीजों को कंट्रोल करते हैं. अगर इनका संतुलन बिगड़ जाए तो दिल, वजन और फर्टिलिटी से जुड़ी काफी समस्याएं हो सकती हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कुछ बीमारियां का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है. इस सूची में थायरॉइड भी है. पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को इस बीमारी का खतरा होता है. विशेषकर मेनोपॉज और गर्भावस्था के बाद.
लक्षणों से अनजान हैं महिलाएं
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 8 में से एक महिला थायरॉइड की शिकार है. लेकिन 60 प्रतिशत महिलाओं को इसके लक्षणों के बारे में पता ही नहीं होता. इसकी वजह ये है कि इसके लक्षणों को अन्य बीमारियों से जुड़ा मान लिया जाता है.
इसके होते हैं 12 लक्षण
एक्सपर्ट्स ने थायरॉइड के प्रमुख लक्षण बताए हैं, जो हैं:
कब्ज
हाई ब्लड प्रेशर
सुस्ती और थकान
चिड़चिड़ापन और निराशा
ड्राई स्किन और हेयर
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
वजन का अचानक बढ़ना या कम हो जाना
ज्यादा पसीना आना
स्कैल्प में दिक्कतें
इनफर्टिलिटी
उभरी हुई आंखें
मासिक चक्र में असंतुलन
क्यों महिलाएं आती हैं चपेट में
डॉक्टर्स कहते हैं, हालांकि इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि महिलाएं ही क्यों थायरॉइड की ज्यादा शिकार होती हैं. इस चीज का शक है कि इस बीमारी का डेवेलपमेंट ऑटोइम्युनिटी से जुड़ा है. यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में होता है. थायरॉइड के कारण ही हार्मोन, पीरियड्स साइकिल, मेनोपॉज और प्रेगनेंसी में होने वाले असंतुलन की अहम वजह है.
किनको है ज्यादा खतरा
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि महिलाओं को थायरॉइड किसी भी आयु में हो सकता है. जो महिलाएं हाल ही में मां बनी हैं या फिर जो 60 साल या उससे ज्यादा आयु में रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं, उनको उसका खतरा ज्यादा होता है. एनवायरनमेंट, लाइफस्टाइल, आनुवांशिक से महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
क्या बदलाव करें?
पर्याप्त नींद लेना
तंबाकू जैसे हानिकारक तत्वों से बचना
आयोडीन का सेवन