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लालटेन की रोशनी में पढ़कर IAS बने थे अवनीश शरण, सरकारी स्कूल में पढ़ती है इस DM की बेटी

पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के युवा और होनहार IAS अफसर भारत को विकास की राह पर आगे बढ़ा रहे हैं। देश के तेज तर्रार अफसरों में गिने जाने वाले IAS अवनीश शरण (IAS Awanish Sharan) अपने आप में एक मिसाल हैं।

बेहद सरल स्वभाव वाले अवनीश शरण (IAS Awanish Sharan) जनता और युवा अधिकारियों के बीच खासे लोकप्रिय हैं।

संघर्ष से भरा रहा जीवन

2020 में बेटर इंडिया संस्था ने देश में अच्छा काम करने वाले टॉप 10 IAS अफसरों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें अवनीश शरण (IAS Awanish Sharan) पांचवें नंबर पर रहे। एक इंटरव्यू के दौरान अवनीश शरण ने अपने संघर्ष भरे जीवन पर खुलासा किया था। वह बताते हैं कि मेरा बचपन बहुत संघर्ष भरा रहा। उस वक्त घर में बिजली नहीं होती थी, तो मैं लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करता था।

बहुमुख प्रतिभा के धनी हैं अवनीश शरण

2009 बैच के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण (IAS Awanish Sharan) छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में बतौर कलेक्टर पोस्टेड हैं। साधारण स्वभाव, एकदम डाउन टू अर्थ और बहुमुखी प्रतिभा के धनी अवनीश शरण अपने उत्कृष्ट कार्यों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं।

आईएएस अवनीश शरण मूल रुप से बिहार के समस्तीपुर जिले में आने वाले गांव केवटा से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता और दादजी स्कूल टीचर थे। अवनीश शरण के काम से प्रभावित होकर उपराष्ट्रपति वैंकेय्या नायडू और पीएम मोदी भी इनके काम से प्रभावित होकर सम्मानित कर चुके हैं।

जब पहली बार चर्चा में आए थे अवनीश शरण

IAS अवनीश शरण उस वक्त पहली बार चर्चा में आए जब 2017 में बलरामपुर के कलेक्टर रहते हुए अपनी बेटी वेदिका का सरकारी स्कूल में दाखिला करवाया था। इतना ही नहीं, आईएएस अधिकारी अपनी बेटी के साथ सरकारी स्कूल में मिड डे मील भी खाते दिखाई दिये थे। जिसकी तस्वीर बहुत वायरल हुई थी।

सोशल मीडिया पर सक्रिय

कलेक्टर अवनीश शरण सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहते हैं। कई समस्याओं का निपटारा तो वह यहीं कर देते हैं। उन्होंने फेसबुक पर अपने जिले के लोगों के लिए अपना मोबाइल वाट्सअप नंबर शेयर कर रखा है।

कलेक्टर अवनीश शरण का कहना है कि आम लोगों के लिए मैं हमेशा 24 घंटे मौजूद हूं। जब चाहे फोन और मैसेज कर मुझसे लोग मदद मांग सकते हैं।

बाइक एंबुलेंस की शुरुआत

साल 2018 में अवनीश शरण को बतौर कलेक्टर कबीरधाम में पोस्टिंग मिली। यहां की ज्यादातर आबादी आदिवासी समाज से थी। कलेक्टर अवनीश शरण ने आदिवासी समाज के लिए कई उत्कृष्ट कार्य किए। स्वास्थ्य और शिक्षा पर उन्होंने यहां विशेष ध्यान दिया।

खासतौर पर कबीरधाम जिले में शुरू की गई बाइक एंबुलेंस यहां के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। बाइक एंबुलेंस को संगी एक्सप्रेस नाम दिया गया है, जो दूर-दराज के गांवों से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए तैनात रहती है।

इमरजेंसी की स्थिति में अन्य रोगी भी इसका इस्तेमाल करते हैं। संगी एक्सप्रेस की बदौलत जिले के 50 गांव के 5 हजार से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचा है। उनके इस काम की सराहना कई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियां कर चुकी हैं।