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5G के लिए पहली पसंद बना Relaince Jio, 24 घंटे में जुड़े 29 लाख नए ग्राहक

5 जी को लेकर लोगों में बेकरारी चरम पर है. इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों से पहले लोगों ने तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं. यही कारण है लोगों ने अपनी पसंद की टेलीकॉम कंपनियों को चुनना शुरू कर दिया है और वो भी बड़ी तेजी से. इस बात की तस्दीक Telecom Regulatory Authority of India यानी TRAI का लेटेस्ट डेटा कर रहा है. मार्केट लीडर Relaince Jio से जुलाई में 29.4 लाख मोबाइल फोन यूजर्स जुड़े हैं. जिससे कंपनी का सब्सक्रिप्शन बेस 41.59 करोड़ हो गया है.

वहीं अन्य कंपनियों की बात करें, तो दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने महज करीब 5 लाख वायरलेस ग्राहक जोड़े हैं. इससे उसका यूजर बेस 36.34 करोड़ हो गया, जबकि वोडाफोन आइडिया का कस्टमर लॉस जारी रहा.

नकदी की कमी से जूझ रही इस टेलीकॉम कंपनी के जुलाई में 15.4 लाख मोबाइल कस्टमर चले गए जिसके बाद कंपनी का यूजर बेस 25.51 करोड़ हो गया. बीएसएनएल और एमटीएनएल ने क्रमशः 1,327,999 और 3,038 वायरलेस ग्राहकों को खो दिया.

किस कंपनी का कितना मार्केट शेयर

अब मार्केट शेयर की बात करें तो Jio का 36.23 प्रतिशत और Airtel का 31.66 प्रतिशत है. वहीं, वोडाफोन-आइडिया ने 22.22 प्रतिशत बाजार पर अपनी पकड़ बनाई है. इसके अलावा रिपोर्ट से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़ी जानकारी मिली है.

 

रिपोर्ट की मानें तो जुलाई में 1 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी यानी MNP के लिए रिक्वेस्ट की, जो अब बढ़कर 72.47 करोड़ तक पहुंच गई है. वहीं, वायरलाइन यूजर्स की बात करें तो इनकी संख्या जून के अंत में 2.55 करोड़ से बढ़कर जुलाई के अंत में 2.56 करोड़ तक पहुंच गई.

इस मामले में जियो से आगे एयरटेल

विजिटर लोकेशन रजिस्टर के अनुसार, Airtel एक्टिव मोबाइल यूजर्स के मामले में Jio और Vi से आगे है. कंपनी के 97.99 प्रतिशत एक्टिव यूजर्स हैं, जबकि Jio के नेटवर्क पर केवल 91.88 प्रतिशत और Vi के 85.03 प्रतिशत यूजर्स एक्टिव हैं. आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत का मोबाइल यूजर बेस जुलाई के अंत में 0.06% बढ़कर 1.148 अरब हो गया, जो एक महीने पहले 1.147 अरब था.

शहरी क्षेत्रों में जुलाई के अंत में ग्राहकों की संख्या बढ़कर 65 करोड़ से ज्यादा हो गई, जो जून के अंत में करीब 64 करोड़ थी. ग्रामीण क्षेत्रों के सब्सक्रिप्शन में गिरावट देखी गई. वहां ग्राहकों की संख्या घटकर 52.32 करोड़ हो गई, जो इसी अवधि के दौरान 52.38 करोड़ थी. करीब 6 लाख ग्राहकों का नुकसान हुआ.