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सांसदी जाने के बाद Rahul Gandhi ने खाली किया सरकारी बंगला, कहा- सच बोलने की चुका रहा कीमत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को 12 तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला पूरी तरह से खाली कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, बंगला खाली करने के बाद उन्होंने इसकी चाबियां लोकसभा सचिवालय को सौंप दीं।

संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल (Rahul Gandhi) को लोकसभा सचिवालय की तरफ से नोटिस भेजा गया था। इसके मुताबिक, बंगला खाली करने का आज आखिरी दिन था। सामान से भरे ट्रकों को आज बंगले से बाहर निकलते देखा गया।

सरकारी आवास खाली करने के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि मैं सच्चाई बोलने की कीमत चुका रहा हूं। उन्होंने कहा, ‘ये घर 19 साल के लिए देश की जनता ने मुझे दिया। मैं उनका धन्यवाद करना चाहता हूं। मैं इसे खाली कर रहा हूं। सच्चाई बोलने की आजकल कीमत है, मैं वो कीमत चुकाता रहूंगा। सच्चाई किसी न किसी को बोलनी पड़ेगी, मैं बोल रहा हूं।’

प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने कहा कि सरकार के बारे में सच्चाई बोलने पर ये सब हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (राहुल गांधी) सरकार के बारे में सच्चाई बोली इसीलिए उनके साथ ये सब हो रहा है। लेकिन बहुत हिम्मत वाले हैं, बिलकुल डरते नहीं हैं, नहीं डरेंगे और अपना संघर्ष जारी रखेंगे।’

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वहीं, कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस कदम की तारीफ की है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि लोकसभा सचिवालय के आदेश के तहत राहुल ने अपना घर खाली कर दिया। अदालत से उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का समय मिला है। यह फैसले से जुड़े नियमों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

क्यों गई सांसदी और कहां रहेंगे अब?

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को ‘मोदी सरनेम’ से संबंधित मामले में टिप्पणी को लेकर 2 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अगले ही दिन उन्हें लोकसभा की सांसदी भी गंवानी पड़ी। सूत्रों ने कहा कि अपना कार्यालय बदलने के बाद राहुल पहले से ही अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके 10 जनपथ स्थित आवास पर रहना शुरू कर चुके हैं।

सासंद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनसे 22 अप्रैल तक परिसर खाली करने के लिए कहा गया था। राहुल ने 14 अप्रैल को अपने कार्यालय और कुछ निजी सामान को बंगले से स्थानांतरित कर दिया था। मालूम हो कि यह बंगला उन्हें एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था। वह करीब दो दशक से इस बंगले में रह रहे थे। शुक्रवार शाम को भी एक ट्रक को उनके सामान के साथ इमारत से बाहर जाते देखा गया।

कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की तैयारी

सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को मानहानि का दोषी ठहराया था और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद वह सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए गए थे। उन्होंने सूरत की सत्र अदालत में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने सजा को रद्द करने की उनकी अपील को खारिज कर दिया था। पार्टी ने कहा है कि सत्र अदालत के आदेश को अगले हफ्ते गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

स्वतंत्र कार्यालय बनाने पर हो रहा विचार

लोकसभा सचिवालय ने अयोग्य ठहराए जाने के अगले दिन राहुल गांधी को नोटिस भेजकर उनसे बंगला खाली करने को कहा था। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी अपना स्वतंत्र कार्यालय स्थापित करने के लिए जगह की तलाश में हैं। कुछ साल पहले प्रियंका गांधी वाड्रा को भी एसपीजी सुरक्षा कवर हटाए जाने के बाद लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली करने के लिए कहा गया था। राहुल गांधी पहली बार 2004 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद चुने गए और 2019 में उन्होंने वायनाड से लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।