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PM Modi Karnataka: पीएम मोदी ने दी कर्नाटक को 3800 करोड़ की सौगात, मछुआरों को बांटे किसान क्रेडिट कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार को कर्नाटक के मैंगलुरू पहुंचे और राज्य को करीब 3800 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। एक कार्यक्रम में उन्होंने रेलवे, पोर्ट और सड़क से जुड़ी कुछ परियोजनाओं का जहां शिलान्यास किया तो कुछ का लोकार्पण किया।

इतना ही नहीं उन्होंने (PM Narendra Modi) राज्य के मछुआरों के लिए कुछ स्पेशल घोषणाएं की, तो कार्यक्रम में मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) भी बांटे गए।

‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाएंगी परियोजनाएं

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया है, वो राज्य में जीवन और ‘ईज ऑफ लिविंग’ में बढ़ोतरी करेंगी। खासकर ‘एक जिला और एक उत्पाद’ की योजना से मछुआरों, कारीगरों और क्षेत्र के किसानों को बाजार की उपलब्धता मिलेगी।

8 साल में बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हुई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में बंदरगाहों के विकास पर बहुत जोर दिया गया है। भारत के बंदरगाहों की क्षमता सिर्फ 8 वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “कर्नाटक राज्य सागरमाला योजना के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है।” बीते 8 वर्षों में 70 हजार करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं राज्य को मिली हैं, जबकि एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाएं लाइन में हैं। कर्नाटक में परियोजनाओं के लिए रेल बजट पिछले 8 सालों में चार गुना बढ़ा है।

मछुआरों को बांटे क्रेडिट कार्ड

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि जिन लोगों को उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण भुला दिया गया, उनकी अब उपेक्षा न हो। छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों, मछुआरों, रेहड़ी-पटरी वालों और ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ है। भारत के पास साढ़े सात हजार किलोमीटर की तटीय रेखा है। हमें इस क्षमता का पूरा लाभ उठाना है। ये पर्यटन बढ़ाने में मददगार है। जब पर्यटन बढ़ता है तो इससे हमारे कुटीर उद्योगों, हमारे कारीगरों, ग्रामोद्योगों, रेहड़ी-पटरी वालों, ऑटो रिक्शा चालकों, टैक्सी चालकों आदि को लाभ होता है।

उन्होंने कहा कि कोस्टल बेल्ट में बसे गांवों, पोर्ट्स के इर्द-गिर्द बसे साथियों, मछली पालन से जुड़े हमारे भाई-बहनों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमारी डबल इंजन की सरकार विशेष प्रयास कर रही है। यहां मछली पालन से जुड़े साथियों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए। गहरे समंदर में मछली पकड़ने के लिए जरूरी नावें, आधुनिक नौकाएं भी दी गई हैं। पीएम मत्स्य संपदा योजना की सब्सिडी हो या फिर मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा, मछुआरों के कल्याण और आजीविका बढ़ाने के लिए हमारी सरकार में पहली बार इस तरह के प्रयास हो रहे हैं। कुलई में फिशिंग हार्बर का भूमिपूजन हुआ है। ये जब बनकर तैयार हो जाएगा तो मछुआरों की अनेक समस्याओं का समाधान होगा।

इसके अलावा पीएम मोदी ने मैंगलुरु पोर्ट पर कंटेनरों और अन्य कार्गो की हैंडलिंग के लिए बर्थ नंबर 14 के मशीनीकरण, आधुनिक क्रायोजेनिक एलपीजी स्टोरेज टैंक टर्मिनल से लैस एकीकृत एलपीजी और बल्क लिक्विड पीओएल सुविधा, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड की दो परियोजनाओं और समुद्री जल फिल्टर प्लांट का भी उद्घाटन किया।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें

  • उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत सिर्फ 3 वर्षों में ही देश में 6 करोड़ से अधिक घरों में पाइप से पानी की सुविधा पहुंचाई गई। कर्नाटका के भी 30 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक पहली बार पाइप से पानी पहुंचा है। पिछले 8 वर्षों में देश में गरीबों के लिए 3 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं।
  • उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी गरीबों के लिए 8 लाख से ज्यादा पक्के घरों के लिए स्वीकृति दी गई है। मध्यम वर्ग के हजारों परिवारों को भी अपना घर बनाने के लिए करोड़ों रुपए की मदद दी गई है।
  • उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के करीब 4 करोड़ गरीबों को अस्पताल में भर्ती रहते हुए मुफ्त इलाज मिल चुका है। इससे गरीबों के करीब 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचे हैं। आयुष्मान भारत का लाभ कर्नाटका के भी 30 लाख से अधिक गरीब मरीज़ों को मिला है।
  • उन्होंने कहा कि जिनको आर्थिक दृष्टि से छोटा समझकर भुला दिया गया था, हमारी सरकार उनके साथ खड़ी है। छोटे किसान हों, व्यापारी हों, मछुआरे हों, रेहड़ी-पटरी-ठेले वाले हों, ऐसे करोड़ों लोगों को पहली बार देश के विकास का लाभ मिलना शुरू हुआ, वे मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले GDP के जो आंकड़े आए हैं, वो दिखा रहे हैं कि भारत ने कोरोना काल में जो नीतियां बनाईं, जो निर्णय लिए, वो कितने महत्वपूर्ण थे। पिछले साल इतने वैश्विक व्यवधान के बावजूद भारत ने 670 बिलियन डॉलर यानि 50 लाख करोड़ रुपए का टोटल एक्सपोर्ट किया।