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सुप्रीम कोर्ट के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने के फैसले के बाद शुक्रवार को पहली बार इमरान खान ने देश को संबोधित किया। इमोशनल स्पीच में खान ने 3 बार भारत का जिक्र किया। दो बार उसे खुद्दार देश बताया। एक बार EVM के लिए सराहा। अमेरिका को फिर कोसा और उसे पाकिस्तान के खिलाफ साजिश करने वाला बताया।

खान ने भारत की फिर तारीफ की। कहा- भारत हमारे साथ आजाद हुआ। उसे मैं बहुत बेहतर जानता हूं। मेरे वहां कई दोस्त हैं। वो एक खुद्दार कौम है। किसी सुपरपावर की जुर्रत नहीं है कि वो भारत को चला सके। वो रूस से तेल खरीद रहे हैं जबकि उस पर बैन लगा हुआ है। मै पाकिस्तान के लिए भी यही चाहता हूं। पढ़ें इमरान के भाषण के अहम अपडेट्स…

देश के नाम संबोधन में इमरान ने क्या कहा…

देश के सांसद बिक रहे हैं। उन्हें बंधक बनाया जा रहा है। कोर्ट को विदेशी साजिश के बारे में भी बात करनी चाहिए थी। हम किस तरफ जा रहे हैं। शरीफ भाईयों ने सियासतदानों को खरीदने की शुरुआत की थी। अब वो लोग पैसे लेकर जमीर बेच रहे हैं। रिजर्व सीट वाले भी बिक रहे हैं।

हमारे इदारे यानी विभाग तमाशा देख रहे हैं, पब्लिक तमाशा देख रही है। कोई कुछ नहीं बोलता। मैंने दुनिया देखी है। कहीं ऐसा नहीं होता। जनता खड़ी हो जाती है। ये कौम की जिम्मेदारी है।

अमेरिकी लेटर जनता के सामने नहीं रखता, क्योंकि इसमें सीक्रेट कोड होता है। अमेरिका नहीं चाहता था कि मैं रूस जाऊं। उनके अफसर ने कहा था- इमरान अगर नहीं हटता तो इसके नतीजे भुगतने होंगे। अगर हट गया तो अमेरिका पाकिस्तान को माफ कर देगा। उन्हें पता था कि मेरे बाद कौन आएगा।

अगर गुलामी ही करनी थी तो हम आजाद क्यों हुए? हमारे लोग ही हमें छोड़कर जाने लगे। मीडिया भी पैसा खाना लगा। हमारे लोगों को अमेरिकी एम्बेसी में बुलाया गया। ये तो साजिश थी मेरे खिलाफ। आज सारे चोर फिर इकट्ठे हो गए।

पश्चिमी देश तो सिर्फ इमरान को जानते हैं। मैंने ड्रोन अटैक्स का विरोध किया। इराक पर हमले का विरोध किया। अफगानिस्तान में उनका विरोध किया। अमेरिका जानता है कि मैं कंट्रोल नहीं हो सकता। इसलिए उसे हटा दो। आज रूसियों के अकाउंट्स जब्त कर रहा है अमेरिका।

अमेरिका को मिलिट्री बेसेस नहीं दे सकते। उन्हें गिरे हुए लोग ही चाहिए। अपोजिशन डॉलर की लालची है। हमारी फॉरेन पॉलिसी आजाद होनी चाहिए। मैं अमेरिका के खिलाफ नहीं हूं। अमेरिका हमें टिश्यू पेपर न समझे। हिंदुस्तान को देख लीजिए। उसके खिलाफ आंख दिखाने की जुर्रत नहीं है। क्या यूरोपीय यूनियन ने जो हमसे कहा वो भारत से कह सकते थे।

मैं फिर अवाम के बीच जाउंगा। 14 साल तक संघर्ष किया है। मैंने तो खुद अपनी सरकार गिराई। भारत में EVM मशीन इस्तेमाल होती है। 22 साल स्ट्रगल की और अब फिर करूंगा। रविवार को शाम सबको निकलकर विरोध प्रदर्शन करना है।

कोर्ट से टकराव नहीं चाहते इमरान खान
PTI के सूत्रों ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान के घर पर पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसमें तय यह हुआ है कि PTI इसे किसी भी सूरत में टकराव का मुद्दा नहीं बनाएगी। हम अवाम के सामने अपना पक्ष रखेंगे और बताएंगे कि यह पूरी साजिश विपक्ष ने अमेरिका के साथ मिलकर रची थी। बहुत जरूरी हुआ तो वो खत भी जनता के सामने लाया जाएगा, जिसे इमरान ने 27 मार्च की इस्लामाबाद रैली में लहराया था। इमरान ने यही बातें शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहीं।

विपक्ष की रैली में हो सकता है नवाज का संबोधन
विपक्ष की तैयारी यह है कि वो इस्लामाबाद में एक रैली निकाले। इसके बाद उसके नेता बारी-बारी से मीडिया से बात करेंगे। बहुत मुमकिन है कि इस रैली को नवाज शरीफ लंदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करें।

विपक्षी गठबंधन के चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान का कहना है कि उनका गठबंधन मुल्क के चारों प्रांतों में से किसी में भी इमरान खान की पार्टी को सत्ता में नहीं आने देगा। रहमान ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र की जीत और तानाशाही की हार है। इससे ज्यादा कुछ नहीं। हम रहें न रहें। इस मुल्क में लोकतंत्र रहना चाहिए।

फराह खान ने दी सफाई
इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी की खास दोस्त फराह खान ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप पर सफाई दी है। फराह ने गुरुवार देर रात ट्वीट करके कहा- मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मेरा पाकिस्तान की राजनीति में कभी दखल नहीं रहा। उनके पति ने भी जियो न्यूज से बातचीत में तमाम आरोपों को खारिज कर दिया।

बता दें कि फराह खान पर संसद भंग होने के बाद देश छोड़कर दुबई भागने का आरोप लग रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फराह अपने साथ 90,000 डॉलर का एक बैग भी लेकर गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फौज ने चुप्पी साधी
इमरान खान को सत्ता में लाने वाली फौज का प्रयोग नाकाम हो चुका है। पाकिस्तानी मीडिया के सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फौज भी खुश हैं क्योंकि इमरान की नीतियां उसके लिए खतरनाक साबित होने लगी थीं। जब से खान ने अमेरिका का नाम लेना शुरू किया, तब से फौज को खुद की फिक्र सताने लगी थी। जनरल बाजवा और इमरान के बीच दूरियां पिछले साल अक्टूबर से ही बढ़ने लगी थीं।

अविश्वास प्रस्ताव खारिज करना असंवैधानिक
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में सियासी ड्रामे को लेकर 4 दिन चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने गुरुवार रात को कहा था- अविश्वास प्रस्ताव खारिज करना और नेशनल असेंबली भंग करना, दोनों काम गैरकानूनी थे। प्रधानमंत्री इमरान खान को यह अधिकार नहीं है कि वो राष्ट्रपति से संसद भंग करने को कहें। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली बहाल करते हुए शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का आदेश दिया था।


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