पाकिस्तान की सेना ने पहली बार कारगिल जंग को लेकर अपनी भागीदारी मानी है. पाक सेना प्रमुख ने आधिकारिक तौर पर माना है करगिल युद्ध में उसकी भागीदारी थी. जिसमें पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था. साथ ही उन्होंने यह भी माना कि इस जंग में उनके कई सैनिक शहीद हुए.
पाकिस्तान के रक्षा दिवस के मौके पर पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने करगिल में पाक सेना के जवानों की मौत की बात स्वीकार की. इससे पहले कभी भी यह बात स्वीकार नहीं की गई थी.
हालांकि, अभी तक पाकिस्तान के किसी भी सेना प्रमुख चाहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) शाहिद अजीज और पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध में पाकिस्तान के शामिल होने की बात मानी थी. इसके अलावा 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान पाक सेना प्रमुख जनरल रहे परवेज मुशर्रफ ने खुद कई बार इस बात को स्वीकार किया है.
क्या बोले पाक सेना प्रमुख ?
जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तानी समुदाय बहादुरों का समुदाय है. जो स्वतंत्रता के महत्व और इसके लिए भुगतान करने के तरीके को समझता है. चाहे वह 1948, 1965, 1971 हो या 1999 का करगिल युद्ध, हजारों सैनिकों ने देश और इस्लाम के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. इसे पाकिस्तानी सेना का पिछले 25 साल में पहला कबूलनामा माना जा रहा है. हालांकि, इससे पहले पाकिस्तानी सेना के किसी भी जनरल ने पद पर रहते हुए कारगिल युद्ध को लेकर ऐसा स्पष्ट बयान नहीं दिया था.
करगिल युद्ध में PAK सेना का इस्तेमाल करने पर करता रहा इनकार
इससे पहले पाकिस्तान शुरू से दावा करता आया है कि करगिल युद्ध में कश्मीरी उग्रवादी शामिल थे, जिन्हें वह मुजाहिदीन बताता है. इस कारण वह करगिल युद्ध में मारे गए अपने सैनिकों के शवों को लेने से भी इनकार कर दिया था. जिसके बाद भारत ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ पाकिस्तानी सैनिकों का अंतिम संस्कार किया था.
घुसपैठ से हुई थी करगिल की शुरुआत
बता दें कि करगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ से हुई थी, जिसका मकसद कारगिल जिले में रणनीतिक जगहों पर कब्जा करना था. संघर्ष का अंत भारत की निर्णायक जीत और इस क्षेत्र से पाकिस्तानी सेना की वापसी के साथ हुआ. उस समय अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संघर्ष में अपनी भूमिका के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी.
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