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यूपी में अब मदरसों को नहीं मिलेगा सरकारी अनुदान,अखिलेश की नीति पर योगी का ‘बुलडोजर’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में अब किसी भी नए मदरसे के लिए अनुदान राशि नहीं दी जाएगी।

2016 में अखिलेश सरकार द्वारा मदरसों को अनुदान देने के लिए लागू की गई नीति को योगी आदित्यनाथ सरकार खत्म करने जा रही है। आपको बता दें कि इस संबंध में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है उसे जल्द ही कैबिनेट में पेश कर दिया जाएगा।

वर्ष 2003 तक मान्यता पाने वाले मदरसों को अनुदान देने के लिए वर्ष 2013 में तत्कालीन सपा सरकार में नीति बनाई गई थी। आपको बता दें कि उस नीति के अंतर्गत 100 मदरसों को अनुदान की राशि दी गई थी। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रथम कार्यकाल में भी एक भी मदरसे को अनुदान की राशि नहीं की गई ।

आलिया स्तर के मदरसों को अनुदान देने के लिए सपा सरकार में बनी नीति का हवाला देते हुए अन्य मदरसा के प्रबंधक हाई कोर्ट गए। दलील दी कि जब वे मानक पूरे कर रहे हैं तो उन्हें भी नीति के तहत अनुदान क्यों नहीं दिया जा रहा है? मऊ के एक मदरसे के मामले में हाई कोर्ट ने सरकार को अनुदान देने के निर्देश दिए।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने अनुदान देने के बदले उस नीति को ही खत्म करने का फैसला किया है। वर्तमान में प्रदेश के 558 मदरसों को सरकार प्रतिवर्ष 866 करोड़ रुपये अनुदान दे रही है। अनुदान से मदरसों के 12 शिक्षकों (आलिया के लिए चार, फौकानिया के लिए तीन व तहतानिया के लिए पांच) के अलावा प्रधानाचार्य व एक लिपिक का वेतन दिया जाता है।