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पत्रकार रोता रहा, हाथ जोड़ता रहा, अपने बच्चों के लिए गिड़गिड़ाया, फिर भी डंडे से पीटते रहे गार्ड्स

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक विचलित करने वाली खबर सामने आई है। यहां टाइम्स नाउ न्यूज चैनल के एमपी हेड गोविंद गुर्जर की बंसल अस्पताल के गार्ड्स ने बेरहमी से पिटाई की। पत्रकार का कसूर सिर्फ ये था कि वह अस्पताल में भर्ती अपने बच्चों से मिलना चाहते थे। गुर्जर ने घायल अवस्था में वीडियो जारी एक इस घटना की जानकारी दी है।

जानकारी के मुताबिक टाइम्स नाउ चैनल के जर्नलिस्ट गोविंद गुर्जर के परिवार के कई सदस्यों का मंगलवार को भयानक एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें बंसल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। जब गुर्जर अस्पताल में भर्ती अपने बच्चों से मिलने गए तो गार्ड्स ने उन्हें रोक दिया। जब वे अड़ गए तो गार्ड्स उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे।


गुर्जर ने जब इसका विरोध किया तो गार्ड्स ने उन्हें लात-घुसे और लाठी-डंडों से पीटा। गोविंद के सिर और चेहरे पर काफी चोटें आई है। इस घटना का एक विचलित करने वाला वीडियो भी सामने आया है, जिसमें खून से लथपथ गोविंद गार्ड्स से हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि मुझे तुमलोगों ने कुत्तों की तरह पीटा, बस एक बार जाने दो। इसके बावजूद गार्ड्स उन्हें धक्का देते हुए दिखे।

घटना के बाद गोविंद ने रोते-बिलखते हुए एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें वे कहते हैं, ‘शिवराज जी, देखिए आपके अस्पताल ने क्या हालत बना दी है। आपने मदद की इसके लिए शुक्रिया। मुझे कुत्तों की तरह पीटा गया। मैं हाथ जोड़ रहा हूं कि मुझे जाने दो, मेरे बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। मुझसे थोड़ी सी भी गलती हुई हो तो मैं माफी मांगता हूं। बच्चों के मल्टी ऑर्गन फ्रैक्चर हुए हैं। इस अस्पताल में कोई न आए भगवान।’

भोपाल बंसल हॉस्पिटल के गार्ड्स ने टाइम्स नाउ के पत्रकार को बेरहमी से पीटा, सड़क हादसे के शिकार परिजनों से मिलने गए थे गुर्जर, हाथ जोड़कर विनती के रहे थे कि एक बार बच्चों से मिलने दो, ऊपर से लाठी डंडे बरसाते रहे गार्ड्स

स्थानीय लोग बता रहे हैं कि आए दिन मरीजों के परिजन के साथ अस्पताल में ऐसी घटनाएं होती रहती है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि गुर्जर सिर्फ एक बार अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने की विनती कर रहे थे। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना की भर्त्सना करते हुए दोषी सुरक्षा गार्ड्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पत्रकारों में भी इस घटना को लेकर रोष व्याप्त है। इस घटना ने राजधानी के निजी अस्पतालों का क्रूर चेहरा सामने ला दिया है।