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बिजली की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ने को तैयार भारत की पहली मिनी बुलेट ट्रेन, स्पीड 200 किमी प्रति घंटा

देश की पहली रीजनल रैपिड रेल गाजियाबाद के दुहाई डिपो में असेंबल होकर रेल पटरी पर खड़ी हो गई है। रैपिड रेल गुजरात के सांवली में एल्सटॉम कंपनी के प्लांट में तैयार हुई थी। इसे छह बड़े ट्रेलर पर लादकर इस डिपो में लाया गया था। एल्सटॉम के इंजीनियरों ने यहां पर सभी छह कोच आपस में जोड़े और अब इनको रेल पटरी पर खड़ा कर दिया गया है।

ऐसे आने हैं और 39 ट्रेन सेट
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा है। रीजनल रैपिड रेल का पहला स्टेशन दिल्ली के सराय काले खां में है। आखिरी स्टेशन मेरठ के मोदीपुरम में होगा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 40 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। रैपिड रेल के सभी कोच गुजरात के सांवली में एल्सटॉम कंपनी के प्लांट में तैयार किए गए हैं।

7 मई को एल्सटॉम ने पहला ट्रेन सेट भारत सरकार को सौंपा था, जो दुहाई डिपो में तैयार होकर खड़ा है। इस तरह के अभी 39 और ट्रेन सेट तैयार होकर दुहाई डिपो में आने हैं। इसमें 30 ट्रेनें रैपिड और 10 ट्रेनें मेरठ मेट्रो के लिए होंगी। फर्स्ट फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक (17 किलोमीटर ट्रैक) पर रैपिड रेल दौड़नी है, इसके लिए ट्रायल रन अगस्त-2022 में हो सकता है।

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दुहाई डिपो में बनाई हैं 17 रेल लाइनें
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि रैपिड रेल का सबसे बड़ा डिपो दुहाई में तैयार किया गया है। यहां पर प्रशासनिक भवन और मशीनरी भवन भी बना है, जहां से पूरे कॉरिडोर पर चलने वाली ट्रेनों को संचालित किया जाएगा।

इस डिपो में कुल 17 रेल लाइन बनाई गई हैं। इसमें 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन, 1 हैवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन है। इन सभी लाइनों पर ट्रेनों को खड़ा किया जाएगा।