पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार (Imran Khan Arrest) कर लिया गया है। मंगलवार को इमरान उस समय गिरफ्तार हुए जब वह इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपने बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन के लिए जा रहे थे।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता मुसर्रत चीमा ने दावा किया है कि इमरान (Imran Khan Arrest) को टॉर्चर किया जा रहा है। इमरान की गिरफ्तारी उनकी उस लाहौर रैली के बाद हुई है जिसमें उन्होंने सेना पर गंभीर आरोप लगाए थे। इमरान ने अपनी रैली में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर निशाना साधा था। इमरान खान को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पीटीआई ने इमरान खान को किडनैप करने का आरोप लगाया
इमरान को भ्रष्टाचार केस में गिरफ्तार (Imran Khan Arrest) किया गया है। इस्लामाबाद पुलिस की तरफ से ट्वीट कर बताया गया कि इमरान की गिरफ्तारी कादिर ट्रस्ट केस में हुई है। पीटीआई के उपाध्यक्ष फवाद चौधरी ने इस पर ट्वीट कर कहा कि हाईकोर्ट इस समय रेंजर्स के कब्जे में है और वकीलों को टॉर्चर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इमरान की कार को भी घेर लिया गया था।
पीटीआई के एक और नेता अजहर मशवानी ने आरोप लगाया है कि इमरान को कोर्ट के बाहर रेंजर्स ने किडनैप कर लिया है। मशवानी के मुताबिक पार्टी ने देशभर में अपने समर्थकों को इकट्ठा होने के लिए कहा है। गिरफ्तारी से ठीक पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने इमरान खान के सेना पर लगाए गए गंभीर आरोपों की निंदा की है।
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जरदारी बोले इमरान ने पार की हदें
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार शरीफ ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी को नियमित रूप से बदनाम करने और धमकाने का खान का यह कदम बेहद निंदनीय है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जनरल फैसल नसीर और हमारी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख ने संस्थानों को बदनाम करने के लिए सारी हदें पार कर दी हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इमरान पर बरसे जरदारी
जरदारी ने पीटीआई प्रमुख जियो का नाम लिए बिना एक बयान में कहा, संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश ने आदमी का असली चेहरा उजागर कर दिया है और अब बहुत हो चुका है। विदेशी एजेंट के भाषण को सुनने के बाद कोई भी देशभक्त उसके पीछे चलने के बारे में सोच भी नहीं सकता। जरदारी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के बहादुर और प्रतिष्ठित अधिकारियों पर आरोप उस संस्था पर हमला है, जिसके साथ पूरा पाकिस्तान खड़ा है।
जियो न्यूज ने बताया, एक व्यक्ति अपने निर्दोष कार्यकर्ताओं को झूठ और छल से मूर्ख बना रहा है, मैं इस व्यक्ति का पतन देख रहा हूं। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यह वह देश है जहां हम सभी को दफन होना है, और हम एक व्यक्ति को हमारे मूल्यों और हमारे देश के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे।
इमरान समर्थकों और सेना में जंग!
पाकिस्तान में पिछली रात हिंसा और अशांति के साथ बीती। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan Arrest) को कई प्रयासों के बाद आखिरकार मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह इस्लामाबाद हाई कोर्ट में किसी अन्य मामले में पेश होने के लिए गए थे कि तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की गिरफ्तारी में दे दिया। इ
मरान को अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार (Imran Khan Arrest) किया गया है जिसके संबंध में 1 मई को उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। इधर इमरान गिरफ्तार हुए और उधर पीटीआई (इमरान की पार्टी) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। इन प्रदर्शनकारियों को पीटीआई कार्यकर्ता से ज्यादा इमरान समर्थक कहना उचित होगा।
प्रदर्शनकारियों ने सेना मुख्यालय से लेकर कोर कमांडर के घर पर हमला बोला, पथराव किया, आगजनी की और लूटपाट को अंजाम दिया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने आंसूगैस के गोलों का इस्तेमाल किया और गोलियां भी चलाईं। खबर है कि इनमें कई लोगों की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। फिलहाल पाकिस्तान में इंटरनेट सेवा बंद है, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब की सेवा को रोक दिया गया है और धारा 144 लागू कर दी गई है।
सेना ने चलाया ऑपरेशन
पाकिस्तान में मंगलवार को शाम से शुरू हुआ हंगामा रातभर जारी रहा। प्रमुख सैन्य इमारतों पर कब्जा करके बैठे इमरान समर्थकों को बाहर निकालने के लिए सेना ने अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी। देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा, आगजनी, झड़प और दंगे हुए। भीड़ ने लाहौर में सेना के मर्दन कैंट कोर कमांडर के आवास पर हमला बोल दिया और घर को तहस-नहस कर दिया।
सेना के स्मारकों को किया तहस-नहस
सोशल मीडिया पर शेयर एक वीडियो में पत्रकार कोर कमांडर के घर के बाहर से रिपोर्टिंग करता नजर आ रहा है जिसे दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। भीड़ ने कोर कमांडर के घर का सामान भी लूट लिया और एक मोर को भी अपने साथ लिए गए। इमरान समर्थकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के कई स्मारक तोड़ दिए और जला दिए हैं। भीड़ ने सरगोधा कैंट में पाकिस्तानी सेना के स्मारक को बर्बाद कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के सेंट्रल ऑफिस को भी आग लगा दी।
शहबाज शरीफ का घर जलाया
खबर है कि बीती रात इमरान खान (Imran Khan Arrest) के समर्थकों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया। सनद रहे कि शहबाज चुनाव जीतकर सत्ता पर काबिज नहीं हुए हैं। बल्कि पिछले साल अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से इमरान को सत्ता से बेदखल कर वह प्रधानमंत्री बने थे। ट्विटर पर शेयर अपडेट्स के अनुसार रात को प्रदर्शनकारियों ने एक कार शोरूम, मेट्रो स्टेशन और चेकपॉइंट को आग लगा दी और एक बैंक को लूट लिया।
रातभर गूंजती रही गोलियों की आवाज
एक अन्य वीडियो में रात को इमरान समर्थक मशालों के साथ एक जगह पर इकट्ठा नजर आए। रात भर पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प जारी रही और पाकिस्तान के आसमान में फायरिंग की आवाज गूंजती रही। गुजरांवाला में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 4 घायल हो गए। खबर आई कि इमरान समर्थकों ने जनरल फैसल नसीर के घर में आग लगा दी जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के करीबी सहयोगी हैं। पिछले साल सत्ता गंवाने के बाद से इमरान खान लगातार सेना पर हमला बोल रहे हैं। यही वजह है कि उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ शुरू हुआ यह प्रदर्शन पीटीआई और सेना के बीच जंग में बदलता जा रहा है।
पाकिस्तान में गृहयुद्ध जैसे हालात, परमाणु बमों पर मंडराया खतरा
पाकिस्तान में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी (Imran Khan Arrest) से कराची से लेकर लाहौर और रावलपिंडी तक हालात बेहद खराब हैं। पहले से ही आर्थिक संकट में घिरा मुल्क एक बड़ी मुसीबत में आ गया है। कई लोग यह सवाल करने लगे हैं कि इन हालातों में पाकिस्तान के पास जो परमाणु बम हैं उनका क्या होगा। देश के पास इस समय कुल 165 परमाणु हथियारहैं। पहले से ही दुनिया को इस बात का डर था कि अगर ये हथियार आतंकियों के हाथ लग गए तो फिर क्या होगा। अब जबकि जनता आर्मी हेडक्वार्ट्स तक को निशाना बना रही है तो फिर यह डर भी दोगुना हो गया है।
पहला परमाणु बम सन् 1998 में
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की तरफ से समर्थकों से अपील की गई है कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों को तेज कर दिया जाए। इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार होने के बाद से ही पूरे पाकिस्तान में हिंसा तेज हो गई है। पाकिस्तान हमेशा से ही आतंकियों का गढ़ रहा है और वर्तमान स्थिति में हालात बेहद नाजुक हो गए हैं। साल 1998 में पाकिस्तान ने पहला परमाणु बम बनाया था। ये परमाणु बम उस समय बनाया गया था जब भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया। वर्तमान स्थिति भारत समेत पूरी दुनिया के लिए बहुत ही गंभीर है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक परमाणु बम किसी हैंडग्रेनेड की तरह नहीं होते हैं बल्कि ये इनसे कहीं ज्यादा खतरनाक हैं।
परमाणु हथियारों को बताया राष्ट्रीय संपत्ति
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ऑफिस की तरफ से मार्च में जो बयान दिया गया था उसके बाद कई तरह की आशंकाएं लगाई गई थीं। इस बयान में कहा गया था कि पाकिस्तान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसके बारे में कई देशों को परेशानी है। सरकार का दावा था पूरा कार्यक्रम फूलप्रूफ है और किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। बयान के मुताबिक जिस मकसद के लिए इन्हें विकसित किया गया है यह पूरी तरह से उसे पूरा करने के लिए ही हैं।
हालांकि जब इस पर बातें होने लगीं तो एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में गलत बातें फैलाई जा रही हैं और यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। पाकिस्तान सेना जिसके बारे में अक्सर कहा जाता है कि उसकी आतंकियों के साथ साठगांठ है, जब उसके ही हेडक्वार्ट्स पर हमले हो रहे हैं तो फिर स्थिति और भी जटिल हो जाती है।
क्या हुआ था चेचन्या में
आतंकवादी संगठनों के साथ ‘अंदरूनी सूत्रों’ की मिलीभगत के कारण परमाणु हथियार चोरी करने की आशंका बहुत हद तक बढ़ जाती है। पाकिस्तान मामलों के जानकार मानते हैं कि सेना का इस्लामीकरण सबसे बड़ा खतरा है, जिसके परिणामस्वरूप परमाणु गलत हाथों में पड़ सकते हैं। पाकिस्तान के हालातों के बाद से सन् 1999 में चेचन्या में हुई एक घटना याद आ गई है। उस समय चेचन विद्रोहियों ने कोबाल्ट-60 की चोरी कर ली थी।
विद्रोहियों ने मेक्सिको सिटी में कोबाल्ट-60 ले जा रहे एक ट्रक का अपहरण कर लिया था। अच्छी बात यह रही कि वो इसका उपयोग नहीं कर सके और कोई नुकसान नहीं हो पाया। कई भारतीय रणनीतिकार हमेशा से ही मानते आए हैं कि पाकिस्तान परमाणु आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है। ऐसे समय में जब देश कंगाली की कगार पर है और हर तरफ हिंसा का आलम है, दुनिया पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में सोचकर ही घबरा रही है।
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