Placeholder canvas

कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री की फार्मा कंपनियों के साथ बैठक, दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में लगातार तैयारियां जारी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाला महीना यानी जनवरी काफी अहम है. जनवरी में कोरोना मामलों में काफी तेजी देखी जा सकती है, साथ ही ओमिक्रोन का सब वेरिएंट BF.7 भी देशभर में फैल सकता है.

इसी बीच अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक और समीक्षा बैठक की है. इस बार स्वास्थ्य मंत्री ने तमाम बड़ी फार्मा कंपनियों के साथ बैठक की, जिसमें ये सुनिश्चित किया गया कि आने वाले वक्त में दवाओं की किसी भी तरह कमी न हो.

दवाओं का स्टॉक तैयार रखने के निर्देश
न्यूज एजेंसी एएनआई ने स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इस बैठक में फार्मा कंपनियों को कई तरह की सलाह दी. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कंपनियां दुनियाभर में कोरोना के हालात पर लगातार नजर रखें और इसके हिसाब से अपनी जरूरी दवाओं और बाकी चीजों का स्टॉक तैयार करें. किसी भी हाल में ये सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना केस बढ़ने के हालात में दवाओं की कमी न हो और इनका पर्याप्त मात्रा में स्टॉक मौजूद रहे.

 

 

बैठक में क्या-क्या हुआ?
इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने फार्मा कंपनियों के साथ कोरोना क्लिनिकल मैनेजमेंट और ट्रीटमेंट इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के स्टॉक पर चर्चा की और कुछ दिशा निर्देश दिए. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने फार्मा कंपनियों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला परिदृश्य पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा. एपीआई के उत्पादन और उपलब्धता के साथ-साथ कोविड प्रबंधन के लिए आवश्यक दवाओं के निर्माण की बारीकी से निगरानी करने के लिए भी कहा गया. इसके अलावा खुदरा स्तर तक आपूर्ति श्रृंखला में COVID दवाओं सहित सभी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा.

एक प्रेजेंटेशन के जरिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बदलते वैश्विक परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई. वहीं स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में कोविड महामारी के दौरान फार्मा कंपनियों के अमूल्य योगदान के लिए उनकी सराहना की और उन्हें बधाई दी. समीक्षा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, फार्मा की सचिव सुश्री एस अपर्णा, एनपीपीए के अध्यक्ष कमलेश पंत, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ वी जी सोमानी और दवा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

इससे पहले भी स्वास्थ्य मंत्री कई रिव्यू मीटिंग कर चुके हैं. जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय के तमाम बड़े अधिकारी और कोविड एक्सपर्ट कमेटी के लोग शामिल थे. इन बैठकों के बाद कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए तमाम तरह की गाइडलाइन भी बनाई गईं. जिनमें प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने और एयरपोर्ट पर टेस्टिंग जैसे नियम शामिल हैं. अब तक करीब 40 से ज्यादा विदेशी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.

कोरोना के खतरे को लेकर क्या है अपडेट?
भारत में कोरोना केस कैसे और कब बढ़ सकते हैं, साथ ही मौतों का आंकड़ा कितना बढ़ेगा… ऐसे तमाम सवालों के जवाब स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय का आकलन है कि भारत में चीन जैसी कोरोना की लहर आने की स्थिति में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ेगी, लेकिन इम्यूनिटी के चलते हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ेगी. साथ ही ये भी अनुमान लगाया गया है कि अगर कोरोना लहर आई तो इसमें मृतकों की संख्या ज्यादा नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक अगले 35 से 40 दिनों के भीतर वायरस की लहर भारत पहुंच सकती है.

कोरोना के खतरे को देखते हुए मंगलवार 27 दिसंबर को देशभर के 20 हजार अस्पतालों में तैयारियों का मॉक ड्रिल किया गया. सूत्रों ने बताया कि मॉक ड्रिल में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि अगर भारत में डेल्टा वायरस जैसी लहर भी आती है तो भी उससे निपटने की पर्याप्त तैयारी है. इनमें अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और दवाइयां जैसी चीज़ें शामिल हैं.

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 268 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,46,77,915 पर पहुंच गई, जबकि एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3,552 हो गई है.