महान दल ने अखिलेश से तोड़ा नाता, ओम प्रकाश राजभर क्यों हुए अखिलेश?

यूपी विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी गठबंधन में खींचतान का दौर जारी है. एक तरफ सपा के सहयोगी महान दल के प्रमुख केशव देव मौर्य ने गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है, तो दूसरी तरफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे हैं. इस नाराजगी की वजह अरविंद राजभर को यूपी विधान परिषद का टिकट नहीं दिया जाना बताया जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया राजभर अपने बेटे के लिए विधान परिषद का टिकट चाहते थे, लेकिन सपा प्रमुख ने उनको टिकट नहीं दिया है. इसके बाद वह नाराज हो गए हैं. इस बीच अरविंद राजभर ने सपा पर गठबंधन में खुद की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. इसके साथ उन्‍होंने कहा कि अगर सपा अने अपने एक सहयोगी को राज्यसभा भेजा, तो सुभासपा को विधान परिषद भेजना चाहिए था, लेकिन उन्‍होंने ऐसा नहीं किया.

सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पीयूष मिश्रा ने ट्वीट किया. उन्‍होंने लिखा, ‘समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज का फैसला निश्चित ही हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश करने वाला है. एक सहयोगी 38 सीट लड़कर 8 सीट जीतता है तो उन्हें राज्यसभा, लेकिन हमें वहां कोई ऐतराज नहीं. जब हम 16 सीट लड़कर 6 जीतते हैं तो हमारी उपेक्षा, ऐसा क्यों?’

सपा ने इन लोगों पर लगाया दांव
दरअसल उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के लिए 20 जून को चुनाव होना है. इस चुनाव के लिए भाजपा और सपा ने अपने कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है. सपा ने यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मैनपुरी की करहल सीट सपा प्रमुख के लिए छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव के बेटे मुकुल यादव उर्फ अंशुल, सहारनपुर के रहने वाले शाहनवाज खान और सीतापुर के जासमीर अंसारी को विधान परिषद का टिकट दिया है. बता दें कि सपा सिर्फ चार सीटों पर आसानी से जीत सकती है, तो वहीं भाजपा गठबंधन की 9 की 9 सीट पर जीत पक्‍की है.