वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. आम जनता को उम्मीद है कि निर्मला सीतारमण की पोटली से उनके लिए खुशियों की सौगात निकलेगी. लेकिन मोदी सराकर केंद्रीय कर्मचारियों को भी बजट के बाद बड़ा गिफ्ट दे सकती है.
उम्मीद जताई जा रही है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी के फिटमेंट फैक्टर में बदलाव हो सकता है. दरअसल फिटमेंट फैक्टर एक कॉमन वैल्यू होती है, जिसे कर्मचारियों की बेसिक पे से गुणा किया जाता है. इसी से उनकी सैलरी कैलकुलेट होती है. इसमें बढ़ोतरी होने से कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार रुपये हो जाएगी.
फिलहाल कॉमन फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत है. यानी अगर किसी कर्मचारी को 15500 रुपये बतौर बेसिक पे मिल रहे हैं तो उसकी सैलरी 15,500*2.57 या फिर 39,835 रुपये होगी. फिटमेंट रेश्यो 1.86 फीसदी पर रहने की पैरवी छठे सीपीसी ने की है.
रिपोर्ट्स में कहा गया, कर्मचारियों की सरकार से मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 फीसदी किया जाए. इससे कर्मचारियों का वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 26000 रुपये तक पहुंच जाएगा. कई साल से एम्प्लॉई यूनियन सरकार से फिटमेंट फैक्टर में इजाफे की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि डीए में बढ़ोतरी के बाद भी बेसिक सैलरी में इजाफा होना चाहिए क्योंकि सैलरी इसी आधार पर बढ़ती है.
सरकार ने बदले ये नियम
वित्त मंत्रालय ने बीते दिनों केंद्रीय कर्मचारियों के एचआरए यानी हाउस रेंट अलाउंस से जुड़े नियमों में बदलाव किया था. नए नियमों में कहा गया कि कुछ मामलों में सरकारी कर्मचारियों को एचआरए नहीं मिलेगा. पहले नियम में कहा गया कि अगर कर्मचारी किसी दूसरे कर्मचारी को मिले सरकारी आवास को साझा करता है तो उसे एचआरए नहीं मिलेगा.
अगर कर्मचारी के परिवार वालों यानी पैरेंट्स, बेटा-बेटी को किसी ने घर अलॉट किया है तो भी इस सुविधा का फायदा नहीं लिया जा सकेगा. इसमें केंद्र व राज्य सरकार, एलआईसी, नेशनलाइज्ड बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, सेमी-गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं.