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कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार की चुनाव आयोग से की शिकायत

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अंत्योदय कार्ड धारकों को साल में रसोई गैस के तीन सिलेंडर फ्री देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक के बाद मुख्य सचिव एस एस संधु ने संवाददाताओं को बताया कि इस निर्णय से प्रदेश के 1,84,142 अंत्योदय कार्ड धारक लाभान्वित होंगे। सीएम ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पहले की तरह इस बार भी गेहूं की खरीद पर किसानों को 20 रू प्रति क्विंटल बोनस देने का निर्णय भी लिया है। 

हर साल तीन सिलिंडर मुफ्त

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने टिवटर पर लिखा, ‘ जो कहा सो किया! चुनाव पूर्व जनता के समक्ष रखे गए दृष्टि पत्र में किए गए वादे को पूर्ण करते हुए प्रदेश के सभी अंत्योदय कार्ड धारकों को हर साल तीन गैस सिलिंडर मुफ्त दिए जायेंगे ।’’ भाजपा ने धामी मंत्रिमंडल के अंत्योदय कार्ड धारकों को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक और कल्याणकारी सरकार की अवधारणा के अनुकूल बताया है । 

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने उम्मीद जताई कि सरकार गठन के डेढ माह में ही निर्बल वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिगत लिया गया यह निर्णय उनके जीवन की कठिनाइयां कम करने वाला साबित होगा। चौहान ने कहा कि भाजपा की सरकार चुनावी घोषणापत्र में किये प्रत्येक वादे को पूरा करने के लिये हमारी सरकार कटिबद्ध है। 

कांग्रेस ने इसे 31 मई को होने वाले चंपावत उपचुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए कहा है कि वह चुनाव आयोग से इस संबंध में शिकायत करेगी। उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सरकार ने यह निर्णय मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए लिया है और हम इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने जा रहे हैं। 

उपचुनाव में सीएम की साख दांव पर

फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन जीत की अगुवाई करने वाले धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा। हांलांकि, भाजपा ने एक बार फिर धामी पर भरोसा व्यक्त करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया लेकिन पद पर बने रहने के लिए उन्हें शपथ ग्रहण करने से छह माह के भीतर विधायक बनना जरूरी है जिसके लिए वह चंपावत से उपचुनाव लड़ रहे हैं। धामी ने 23 मार्च को दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी।