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मोदी सरकार के 2.0 के आखिरी बजट में वित्त मंत्री मिडिल क्लास फैमिली को देंगी बड़ी राहत

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करनी वाली हैं. ऐसे में मिडिल क्‍लास का तबका इस बजट से बहुत ही उम्‍मीद लगाए हुए बैठा है. वैसे भी मोदी सरकार 2.0 का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा और अगले साल लोकसभा चुनाव भी है.

ऐसे में सरकार इस तबके को राहत देने के लिए बजट में प्रावधान जरूर करेगी. सरकार इस बजट में निवेश और आयकर छूट को लेकर कुछ घोषणा कर सकती है. सरकार ने आखिरी बार 2014 में आयकर छूट को बढ़ाया था. ऐसे में विशेषज्ञ उम्‍मीद जता रहे हैं कि इस बजट में ये घोषणा हो सकती है.

इनकम टैक्स में हो सकता है बदलाव!

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार इस बजट में इनकम टैक्स की छूट को बढ़ा सकती है. मोदी सरकार का पहला बजट जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2014 में पेश किया था, उस समय आयकर छूट को 2.5 लाख रुपये किया गया था. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस बजट में इसमें बदलाव हो सकता है.

इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 2019 से 50 हजार रुपये पर ही बनी हुई है. ऐसे में कई विशेषज्ञों कह रहे हैं कि महंगाई की वजह से पहले ही वेतनभोगी मिडिल क्लास परेशानी से गुजर रहा है. ऐसे में उन्‍हें राहत देने के लिए सरकार आयकर छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती है.

खुद वित्‍त मंत्री ने दिया था संकेत

वित्त मंत्री ने खुद ऐसा बयान दिया था जिससे लोगों की उम्‍मीदें और ज्‍यादा बढ़ गई हैं. उन्‍होंने एक इंटरव्‍यू में कहा था कि मैं भी मिडिल क्लास से हूं इसलिए मैं उस वर्ग की दिक्‍कतों को समझती हूं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार इस वर्ग को राहत देने के लिए बजट में जरूर कुछ न कुछ प्रावधान कर सकती है.

निवेश छूट की सीमा बढ़ेगी!

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वित्त मंत्रालय 80C के अंतर्गत मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ा सकता है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी फेरबदल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो एफडी, लाइफ इंश्योरेंस, बॉन्ड और होम लोन में लोग और ज्‍यादा निवेश करेंगे, जिससे उन्‍हें कम से कम कर देना पड़ेगा.

आपको बता दें कि वर्तमान में ये सीमा 1.50 लाख रुपये है. सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के प्रीमियम में भी बदलाव हो सकता है. इसके अलावा शेयर मार्केट में कुछ राहत की खबर हो सकती है. जिसके तहत कैपिटल गेन टैक्स के नियमों को आसान बनाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो मिडिल क्लास को फायदा ही फादया होने वाला है.