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जब अस्पताल की लाइन में लगे डिप्टी CM ब्रजेश पाठक, जानिए फिर क्या हुआ?

करीब छह फीट लंबा, पैंट शर्ट पहने व मुंह में मास्क लगाए एक व्यक्ति जिला अस्पताल में पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लग गया। करीब 10 मिनट बाद उसका नंबर आया और खिड़की से झांकते हुए पर्चा बनाने वाले कर्मचारी ने पूछा, क्या नाम है। उत्तर में वह लंबा चौड़ा व्यक्ति बोला.. ब्रजेश पाठक…। यह शब्द सुनते ही कर्मचारी ने उन्हे गौर से देखा और दंग रह गया। क्योंकि सामने सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक खड़े थे।

डिप्टी सीएम जिला अस्पताल का निरीक्षण करने बिना बताए पहुंच गए थे। लंबी लाइन देखकर डिप्टी सीएम सीएमएस डॉ. ब्रजेश कुुुमार सिंह से बोले कि, शर्मिंदा हूं… एक आदमी पर्चा बना रहा है। 500 लोग लाइन में लगे हैं। ये जनता क्यों खड़ी है… यह पीड़ा किसकी है। इस दौरान उन्होंने पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया।

उन्हे दीवालों पर मकड़ी के जाले मिले, कोविड हेल्प डेस्क में कबाड़ भरा मिला। आरओ प्लांट खराब मिला। अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो रहा था। इस पर उन्होंने सीएमएस को चेतावनी देते हुए एक सप्ताह में सुधार की बात कही।


दोपहर करीब 12 बजे डिप्टी सीएम अपने निजी वाहन से पहुंचे। उन्होंने वाहन को अस्पताल से करीब 300 मीटर दूरी पर खड़ा करवाकर बिना सुरक्षाकर्मी लिए पैदल ही अस्पताल में दाखिल हुए। पर्चा बनवाने में वाली लाइन में लगने के बाद 10 मिनट तक वहां का हालचाल लेते रहे। इस दौरान जब सीएमएस ब्रजेश सिंह को भनक लगी तो वह दौड़ते हुए डिप्टी सीएम के पास पहुंचे।

डिप्टी सीएम ओपीडी के बरामदे में दीवारों पर जमा धूल व मकड़ी के जाले को देखकर भड़क गए। उन्होंने सीएमएस को फटकार लगाते हुए कहा कि इसे तत्काल साफ करवाएं। थोड़ा आगे बढ़े तो उन्हे कोविड हेल्प डेस्क मिली। उसका दरवाजा बंद था और अंदर कबाड़ भरा था। इस पर डिप्टी सीएम पाठक ने सीएमएस से दो टूक शब्दों में कहा कि यह नहीं चलेगा।

सुधार की बहुत जरूरत है। निरीक्षण करते हुए डिप्टी सीएम अस्पताल परिसर में लगे वाटर प्लांट पर पहुंच गए। दो में एक चल रही थी। पाठक ने एक टोटी खोलकर दो-तीन घूंट पानी पिया और सीएमएस से बोले कि यह आरओ तो चल ही नहीं रहा है। उन्होंने अंदर झांकते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सालों से इसका दरवाजा नहीं खुला। इस पर सीएमएस बगले झांकते नजर आए। डिप्टी सीएम ने इसे तत्काल ठीक कराने की बात कही



अल्ट्रासाउंड जांच न होते देख भड़के डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम जब निरीक्षण के दौरान अल्ट्रासाउंड कक्ष के पास पहुंचे तो वहां उन्हें कई मरीज मिले। पूछने पर बताया गया कि  अल्ट्रासाउंड जांच नहीं हो रही है। इस पर उन्होंने सीएमएस डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह से जवाब मांगा तो सीएमएस ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट गवाही देने कोर्ट गए हैं।

यह सुनते ही डिप्टी सीएम ने पूछ लिया कि किस कोर्ट में गए हैं। इस पर डिप्टी सीएम ने जिलाध्यक्ष शशांक कुसमेश से कहा कि बार एसोसिएशन से बात करो। आनन-फानन में भाजपा जिलाध्यक्ष ने बार के महामंत्री को लगाया तो पता चला कि कोर्ट में बॉयकाट चल रहा है। यह सुनते ही डिप्टी सीएम बोले…तो यह हाल है। ऐसी लापरवाही नहीं चल पाएगी।

हाथजोड़ कर मरीजो से मिले डिप्टी सीएम
जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान डिप्टी सीएम ने ट्रामा सेंटर व न्यू बिल्डिंग के वार्डों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान वह मरीजों से हाथ जोड़कर मिले। उन्हें देखकर सीएमएस ने भी हाथ जोड़ लिए। ट्रामा में भर्ती ममता नामक मरीज के परिजनों ने बताया कि ठीक ढंग से इलाज नहीं हो रहा है।

इस पर उन्होंने अपने निजी सचिव से परिजनों का मोबाइल नंबर नोट करवाया और कहा कि हम आपका हाल चाल लेते रहेंगे।

साहब… यह ट्रामा नहीं रेफर सेंटर है
डिप्टी सीएम के निरीक्षण के दौरान शिकायतों का दौर भी चलता रहा। किसी ने बताया कि ऑपरेशन के नाम पर पैसे लिए जाते हैं तो किसी ने कहा कि ट्रामा में मरीज पहुंचते ही रेफर कर दिया जाता है।

लोगों ने यह भी बताया कि पिछले साढ़े तीन महीने से हृदय रोग विभाग की ओपीडी बंद है। इन शिकायतों को डिप्टी सीएम के निजी सचिव नोट करते रहे।

दौड़ते हुए पहुंचे सीएमओ
डिप्टी सीएम के आने की खबर किसी को नहीं हुई। भाजपा जिलाध्यक्ष शशांक कुसमेश भी करीब 15 मिनट बाद पहुंचे। निरीक्षण चल ही रहा था कि सीएमओ डॉ. रामजी वर्मा भी गाड़ी से उतरने के बाद दौड़ते हुए अस्पताल में दाखिल हुए।

इधर, ओपीडी में डिप्टी सीएम का निरीक्षण चल रहा था उधर, वार्डों में व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने का काम भी जारी था ताकि डिप्टी सीएम यहां पहुंचे तो सब कुछ ठीक ठाक मिले।