Placeholder canvas

स्कूल के लिए ‘फरिश्ता’ बनकर आया मजदूर, बकरियां बेचकर स्कूल को दान कर दिए ढाई लाख रुपए

कहते हैं जिंदगी हर किसी को हीरो बनने का एक मौका जरूर देती है. उत्तराखंड में बागेश्वर के रहने वाले ईश्वरी लाल शाह की जिंदगी में जब वो मौका आया तो उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति और जरूरतों को दरकिनार कर अपनी सारी जमापूंजी स्कूली बच्चों के लिए दान कर दी.

ईश्वरी लाल शाह मजदूरी करते हैं, बकरियां पालकर परिवार चलाते हैं, लेकिन स्कूल की मदद करने के लिए उन्होंने ढाई लाख रुपये दान किए हैं. ये रकम ईश्वरी लाल शाह ने बकरियां बेचकर जुटाई.

ईश्वरी लाल शाह करुली गांव में रहते हैं. करीब 15 साल पहले वो बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए गांव लौट आए थे और यहीं पर मजदूरी करने लगे. कई बार वो बकरियां चराते हुए जूनियर हाईस्कूल करुली की तरफ भी चले जाया करते थे.

वहां उन्होंने देखा कि स्कूल में चार दीवारी नहीं है. जिस वजह से जानवर स्कूली की सीमा में पहुंचकर वहां गंदगी कर देते थे. खेल मैदान की हालत भी खराब थी. तब ईश्वरी लाल ने सोचा कि वो स्कूल के भले के लिए कुछ करेंगे.

उन्होंने बकरियां बेचने का फैसला लिया और इस रकम से स्कूल का मैदान बनाने का निश्चय किया. ईश्वरी बताते हैं कि उनकी बिटिया इसी स्कूल में कक्षा सात में पढ़ती है. बच्चों को खेलते देख उन्हें बचपन के दिन याद आने लगते हैं. जब वो स्कूल में पढ़ते थे तो उन्हें दुनिया का कुछ अता-पता नहीं था, पर आजकल बच्चे सब जानते हैं.

उन्हें सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. ईश्वरी लाल भले ही गरीब हों, लेकिन उनका दिल बहुत बड़ा है. वह कहते हैं कि उनसे स्कूल के लिए जितना बन पड़ा, उन्होंने किया. उनके दिए दान से स्कूल में खेल मैदान और चारदीवारी बन सकेगी.

स्कूल के प्रधानाध्यापक नरेंद्र गिरी गोस्वामी ने कहा कि विद्यार्थियों के सुलेखन के दम पर हमारा स्कूल पहले से ही चर्चा में है. अब 58 साल के दानवीर ईश्वरी लाल शाह के चलते स्कूल के विकास कार्यों में मदद मिलेगी. हमने विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी ईश्वरी लाल शाह को ही दी है, ताकि राशि का सदुपयोग हो सके.