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Janmashtami 2022: भारत के प्रसिद्ध 16 भगवान श्रीकृष्ण मंदिर, किस्मत वालों को ही मिलते हैं दर्शन

जन्‍माष्‍टमी के मौके (Janmashtami 2022) पर देश भर के कृष्‍ण मंदिरों (Lord Krishna Temple) में विशेष प्रकार की रौनक देखने को मिलती है। प्र‍त्‍येक मंदिर की अपनी कुछ न कुछ खास विशेषता है।

उत्‍तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक कृष्‍णजी के खूबसूरत और विशाल मंदिर (Lord Krishna Temple) स्‍थापित हैं। आइए आपको ऐसे 16 मंदिरों के बारे में बताते हैं…

द्वारकाधीश मंदिर द्वारका, गुजरात

यह गुजरात का सबसे फेमस कृष्ण मंदिर है इसे जगत मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर चार धाम यात्रा का भी मुख्य हिस्सा है। चारों धामों में से यह पश्चिमी धाम है। यह मंदिर गोमती क्रीक पर स्थित है और 43 मीटर की ऊंचाई पर मुख्य मंदिर बना है। इस मंदिर की यात्रा के बिना आपकी गुजरात में धार्मिक यात्रा पूरी नहीं मानी जाएगी। जन्माष्टमी के दौरान यहां बेहद उमंग भरा माहौल देखने को मिलता है। पूरा मंदिर अंदर और बाहर से खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है।

प्रेम मंदिर, वृंदावन

वृंदावन का प्रेम मंदिर अत्यंत भव्य है। रात के वक्त भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ कम नहीं होती है। प्रेम मंदिर की सजावट एकदम खास तरीके से की गई है। रात के वक्त ये  मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से चमकता रहता है, जिसका रंग हमेशा बदलता रहता है।

श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन

भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन का समय वृंदवन में ही बिताया था। यह सबसे फेमस और प्राचीन मंदिर भी है। भगवान कृष्ण को बांके बिहारी भी कहा जाता है इसलिए उनके नाम पर ही इस मंदिर का नाम भी श्री बांके बिहारी रखा गया है। जन्माष्टमी के दिन मंगला आरती होने के बाद यहा श्रद्धालुओं के लिए रात 2 बजे ही मंदिर के दरवाजे खुल जाते हैं। मंगला आरती साल में केवल एक बार होती है। भगवान कृष्ण के जन्म के बाद यहां श्रद्धालुओं के बीच खिलौने, कपड़े और दूसरी चीजें बेची जाती हैं।

द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

यह मथुरा का दूसरा सबसे फेमस मंदिर है यहां पर भगवान कृष्ण की काले रंग की प्रतिमा की पूजा की जाती है। हालांकि यहां राधा की मूर्ति सफेद रंग है। प्राचीन मंदिर होने के कारण इसकी वास्तुकला भी भारत की प्रचीन वास्तुकला से प्रेरित है। यहां आकर आपको अलग ही सुकून का अहसास होगा। जन्माष्टमी का त्योहार यहां धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दौरान यहां का माहौल काफी शानदार होता है।

श्रीकृष्ण मठ मंदिर, उडुपी

यह कर्नाटक का सबसे फेमस पर्यटन स्थल भी है इस मंदिर की खासियत है कि यहां भगवान की पूजा खिड़की के नौ छिद्रो में से ही की जाती है। यह हर साल पर्यटक का तांता लगा रहता है लेकिन जन्माष्टमी के दिन यहां की रौनक देखते ही बनती है। पूरे मंदिर को फूलो और लाइट्स से सजाया जाता है। त्योहार के दिन यहां काफी भीड़ होती है और आपको दर्शन के लिए 3-4 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है।

जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा

उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्‍नाथ मंदिर में भगवान कृष्‍ण अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं। जन्‍माष्‍टमी से अधिक रौनक यहां वार्षिक रथ यात्रा के दौरान होती है। यह रथ यात्रा धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें भाग लेने और भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं। हर साल इस रथ यात्रा का आयोजन होता है। इसके लिए तीन विशाल रथ तैयार किए जाते हैं। सबसे आगे बलराम जी का रथ रहता है, फिर बहन सुभद्रा का रथ रहता है और उसके भी भगवान कृष्‍ण अपने रथ में सवार होकर चलते हैं।

बेट द्वारका मंदिर, गुजरात

गुजरात में द्वारिकाधीश के मंदिर के अलावा एक और फेमस मंदिर है बेट द्वारका। वैसे इसका नाम भेंट द्वारका है, लेकिन गुजराती में इसे बेट द्वारका कहा जाता है। भेंट का मतलब मुलाकात और उपहार भी होता है। इस नगरी का नाम इन्हीं दो बातों के कारण भेंट पड़ा।

दरअसल ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की अपने मित्र सुदामा से भेंट हुई थी। इस मंदिर में कृष्‍ण और सुदामा की प्रतिमाओं की पूजा होती है। सुदामा जी जब अपने मित्र से भेंट करने यहां आए थे तो एक छोटी सी पोटली में चावल भी लाए थे। इन्‍हीं चावलों को खाकर भगवान कृष्‍ण ने अपने मित्र की दरिद्रता दूर कर दी थी। इसलिए यहां आज भी चावल दान करने की परंपरा है। ऐसी मान्‍यता है कि मंदिर में चावल दान देने से भक्‍त कई जन्मों तक गरीब नहीं होते।

सांवलिया सेठ मंदिर, राजस्‍थान

यह गिरिधर गोपालजी का फेमस मंदिर है। यहां वे व्‍यापारी भगवान को अपना बिजनस पार्टनर बनाने आते हैं, जिन्‍हें अपने व्‍यापार में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा होता है। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है जिनका संबंध मीरा बाई से भी बताया जाता है। यहां मीरा के गिरिधर गोपाल को बिजनस पार्टनर होने के कारण श्रद्धालु सेठ जी नाम से भी पुकारते हैं और वह सांवलिया सेठ कहलाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सांवलिया सेठ ही मीरा बाई के वो गिरधर गोपाल हैं, जिनकी वह दिन रात पूजा किया करती थीं।

गुरुवयूर मंदिर, केरल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से सत्‍ता में आने के बाद सबसे पहले यहां 8 जून को दर्शन करने आए थे। केरल के इस प्राचीन मंदिर का संबंध गुजरात से माना जाता है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है। इसके अलावा मंदिर में भगवान विष्णु के दस अवतारों को भी दर्शाया गया है। इस मंदिर को दक्षिण की द्वारका और भूलोक के बैकुंठ के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में दिन में दो बार भक्तों के लिए मुफ्त भोजन यानी भंडारे की व्यवस्था है। मंदिर में एकादशी का पर्व शिवेली का त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। गुरुवायूर मंदिर का नाम देवताओं के गुरु बृहस्पति, पवनदेव वायु और ऊर यानी पृथ्वी के नाम से मिलकर बना है।

भालका तीर्थ, गुजरात

सोमनाथ स्थित भालका तीर्थ वह स्थान है, जहां पेड़ के नीचे ध्यान मग्न बैठे श्रीकृष्ण को एक शिकारी ने हिरण के भ्रम से तीर मार दिया था। यही वह स्थान है, जहां से श्रीकृष्ण पृथ्वी छोड़कर स्वर्ग लोक चले गए। साथ ही इस स्थान को हीरान, कपिला और सरस्वती नदी का संगम कहा जाता है। यह मंदिर श्रीकृष्ण के साथ ही उस बरगद के पेड़ को समर्पित है, जिसके नीचे कान्हा बैठे थे।

इस्कॉन मंदिर, वृंदावन

वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में राधेकृष्ण की प्रतिमा एकदम मनोहारी है। जो भी इन्हें देखता है, वे मुग्ध हो जाता है। ये मंदिर कृष्णा बलराम मंदिर के नाम भी जाना जात है। ये मंदिर साल 1975 में बनाया गया था।  वृंदावन के इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु झूमते-गाते हुए प्रभु की आराधना करते हैं। यहां विदेशी श्रद्धालुओं की भी अच्छी-खासी तादाद होती है।

श्रीनाथ जी मंदिर, नाथद्वारा राजस्थान

राजस्थान के नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथ जी मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि मेवाड़ के राजा इस मंदिर में मौजूद मूर्तियों को गोवर्धन की पहाड़ियों से औरंगजेब से बचाकर लाए थे। ये मंदिर 12वीं शताब्दी में  बनाया गया था। साथ ही ये मंदिर श्री कृष्ण को समर्पित है।

इस्कॉन मंदिर, बैंगलोर

बैंगलोर का इस्कॉन मंदिर भारत के सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर में शुमार किया जाता है। ये मंदिर साल 1997 में बनाया गया था, जिसका उद्देश्य वैदिक और धार्मिक सभ्यताओं  को बढ़ावा देने का था। विकलांग और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए यहां एलिवेटर भी लगाए गए हैं।

श्री रंछोद्रीजी महाराज मंदिर, गुजरात

ये मंदिर गोमती नदी के किनारे दकोर के मुख्य बाजार के बीचों-बीच स्थित है। इस मंदिर की संरचना 1772 में मराठा नोबेल द्वारा की गई थी। इस मंदिर में 8 गुंबद और 24 बुर्ज हैं, जो सोने से बनी हुई हैं। इस मंदिर के साथ ही लक्ष्मी जी का भी मंदिर है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि हर शुक्रवार के दिन कृष्ण भगवान लक्ष्मी जी के मंदिर में उनसे मिलने जाते हैं।

अरुलमिगु श्री पार्थसारथी स्वामी मंदिर, चेन्नई-

ये मंदिर 8वीं सदी में बनाया गया था। इस मंदिर में श्रध्दालुओं के आना जाना लगा रहता है। इस मंदिर में श्रध्दालुओं के आना जाना लगा रहता है। इस मंदिर में विष्णु भगवान की कई तरह मूर्तियां हैं, जो भक्तों को अपनी ओर सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं।

बालकृष्ण मंदिर, हंपी कर्नाटक

कर्नाटक के हंपी में स्थित बालकृष्ण मंदिर की संरचना बेहद अनोखे तरीके से की गई है। इस मंदिर का शुमार UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज वेबसाइट में भी किया जा चुका है। इस मंदिर में बालकृष्ण विराजमान हैं।