दुनिया के सात अजूबों के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन यह कम ही लोगों को पता है कि आठवां अजूबा भी है. यह पहचान भगवान को विष्णु को समर्पित पहले हिन्दू मंदिर को मिला है. इस लेख में आप इससे जुड़ी दिलचस्प बातों को जान सकते हैं-

दुनिया का आठवां अजूबा

कंबोडिया में स्थित अंगकोर वाट को अब दुनिया का आठवां अजूबा माना जाता है. दुनिया के आठवें अजूबे का खिताब बेहतरीन इमारतों या परियोजनाओं को दिया जाता है और अंगकोर वाट ने यह पहचान हासिल की है.

12वीं शताब्दी में बना था मंदिर

12वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा निर्मित, अंगकोर वाट पहले विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. लेकिन बाद में इसे बौद्ध मंदिर में बदल दिया गया. इसकी दीवारों पर की गई जटिल नक्काशी हिंदू और बौद्ध मिथकों की कहानियां बताती है.

500 एकड़ में फैला है मंदिर

अंगकोर वाट विश्व स्तर पर एक प्रसिद्ध स्थान है और इसने दुनिया के आठवें अजूबे के रूप में इटली में स्थित पोम्पेई की जगह ले ली है. यह एक विशाल धार्मिक स्मारक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, जो लगभग 500 एकड़ में फैला हुआ है.

हिंदू और बौद्ध विरासत

मूल रूप से हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर बाद में एक महत्वपूर्ण बौद्ध मंदिर बन गया. मंदिर के मध्य भाग में पांच कमल के आकार की मीनारें हैं जो हिंदू और बौद्ध मान्यताओं में एक पवित्र पर्वत का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसकी दीवारों पर विस्तृत नक्काशी हिंदू और बौद्ध इतिहास की कहानियों को दर्शाती है.

अंगकोर वाट की खूबसूरती है लाजवाब

अंगकोर वाट न केवल अपने डिजाइन में प्रभावशाली है; यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. यहां आज भी बौद्ध भिक्षु और भक्त प्रार्थना और ध्यान करने आते हैं. अंगकोर वाट में सबसे अच्छा अनुभव इसके टावरों पर सूर्योदय देखना है. अपनी सुंदरता से परे, अंगकोर वाट कंबोडिया के समृद्ध इतिहास का प्रतीक है.


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