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महंगे पेट्रोल को कहे बाय-बाय, Electric Car चार्जिंग पर सिर्फ 226 रु का खर्च, एक लाख की सब्सिडी भी

Electric Car: इंडियन ऑटो-सेक्टर तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रहा है। पेट्रोल-डीजल की खपत और इन पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार भी लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अपने वाहन डैशबोर्ड के माध्यम से जारी किए गए डेटा के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बिक्री 2023 में रिकॉर्ड 15.3 लाख यूनिट तक पहुंच गई, जो 2022 में बेची गई 10 लाख यूनिट की तुलना में साल-दर-साल (YoY) 50% से अधिक है। कुल ऑटोमोबाइल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 6।4% हो गई है। हालांकि इन आंकड़ों में तेलंगाना और लक्षद्वीप का डेटा शामिल नहीं है।

सड़क पर बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Car) की संख्या और लोगों के बीच होती चर्चा को देखकर संभव है कि, आपके जेहन में भी इलेक्ट्रिक कार खरीदने का ख्याल आया हो। लेकिन इस विचार के साथ ही आपके जेहन में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बहुत सारे सवाल भी उठे होंगे। आज हम अपने इस लेख में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर आम-आदमी के मन उठते तकरीबन सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं।

सवाल: क्या आपको Electric Car खरीदनी चाहिए?

जवाब: सबसे पहला सवाल तो यही है कि, आपको इलेक्ट्रिक वाहन क्यों खरीदना चाहिए? तो हमारा जवाब है कि, बिल्कुल। लेकिन इसके पीछे कुछ ख़ास बिंदुओं पर ध्यान रखना भी जरूरी है। मसलन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, आपकी डेली ड्राइविंग कंडिशन, रूट और दूरी इत्यादि। कार्बन फुट प्रिंट को कम करने की दिशा में एक इलेक्ट्रिक वाहन का चुनाव आपका पहला और समझदारी भला फैसला हो सकता है। लेकिन इसके लिए आपको पहले से ही प्लानिंग करनी होगी और कुछ ख़ास परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा।

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सवाल: Electric Car का मेंटनेंस सस्ता है या महंगा?

जवाब: इलेक्ट्रिक वाहन के मेंटनेंस की लागत ICE-संचालित (पेट्रोल-डीजल) वाहनों की तुलना में कम होती है। इसका कारण यह है कि इसमें बहुत कम मूविंग कंपोनेंट्स का इस्तेमाल होता है। इसमें कोई इंजन नहीं है, कोई पिस्टन नहीं है, कोई क्रैंकशाफ्ट नहीं है, कोई ट्रांसमिशन इत्यादि कुछ भी नहीं होता है। केवल इलेक्ट्रिक मोटरें चलती हैं जो बैटरी से पावर लेती है और पहियों को घुमाती हैं। इसलिए, जब सर्विस की बात आती है, तो ब्रेक पैड, टायर, एयर कंडीशनिंग, सस्पेंशन की जांच और जरूरत पड़ने पर मरम्मत होती है। जिन लोगों ने Tata Tiago EV खरीदा है उनका कहना है कि, आमतौर पर 1,500 से 2,000 रुपये के बीच सर्विस कॉस्ट आती है, जो कि एक पेट्रोल-डीजल कार की तुलना में बेहद कम है।

सवाल: क्या लांग ट्रिप पर Electric Car ले जा सकते हैं?

जवाब: खैर, ICE-इंजन (पेट्रोल-डीजल) वाहनों के लिए ट्रिप और रेंज की कोई समस्या नहीं होती है। क्योंकि आप देश भर में कहीं भी फ्यूल डलवा सकते हैं और कितनी भी लंबी ट्र्रिप हो आसानी से जा सकते हैं। हालाँकि, इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में ऐसा नहीं है, और आपको बैटरी को रिचार्ज करने के लिए एक या दो घंटे तक इंतजार करना होगा। जबकि पेट्रोल या डीजल भरवाने में महज कुछ मिनट ही लगते हैं। तो, आपको चार्जिंग स्टेशन के अनुसार अपने स्टॉप की योजना बनानी होगी।

आप जो कर सकते हैं वह यह है कि आप अपने खाने-पीने (ब्रेक) के समय के अनुसार रुकने की योजना बनाएं। इसलिए, जब आप ब्रेक लेंगे तक तक आपकी कार चार्ज हो रही होगी। इसके लिए आपको ट्रिप पर जाने से पहले रास्ते में पड़ने वाले चार्जिंग प्वाइंट्स को ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी होगी। ज्यादातर कार कंपनियां देश भर में अपने चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, शहरी क्षेत्रों में तो ये आसानी से उपलब्ध हैं लेकिन ग्रामीण और आउटस्कर्ट्स में दिक्कत हो सकती है।

सवाल: Electric Car को घर पर कैसे चार्ज करें?

जवाब: इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ कंपनियां एक पोर्टेबल चार्जर और एक वॉल-बॉक्स चार्जर देती हैं। इनकी कीमत भी वाहन की खरीदारी के समय ही ग्राहक से ले ली जाती है। इसमें पोर्टेबल चार्जर एक वायर-एडॉप्टर के साथ आता है, जिसे सामान्य घरेलू 15A के सॉकेट से कनेक्ट कर आप अपने वाहन को चार्ज कर सकते हैं। आमतौर पर इससे चार्ज करने में तकरीबन 6 से 7 घंटे तक का समय लग सकता है। वहीं वॉल बॉक्स चार्जर से आप कम समय में ही बैटरी को चार्ज कर सकते हैं।

यदि आप किसी अपार्टमेंट या सोसायटी बिल्डिंग में रहते हैं तो आपको वॉल-बॉक्स चार्जर इंस्टाल करवाने से पहले सोसायटी या एसोसिएशन से पूछना पड़ेगा। क्योंकि इसके लिए ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी और अलग लाइन की जरूरत होती है। एक बार सोसायटी से अनुमति मिलने के बाद आप इसे अपनी फिक्स पार्किंग स्लॉट में इंस्टॉल करवा सकते हैं।

सवाल: Electric Car के लिए पब्लिक चार्जिंग की क्या सुविधा है?

जवाब: जैसा हमने बताया कि, ज्यादार इलेक्ट्रिक कार निर्माता देश भर में अपने चार्जिंग नेटवर्क और इंफ्रो को विस्तार दे रहे हैं। ऐसे में आप अपने घर या दफ्तर के आसपास पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट्स पर भी कार चार्ज करवा सकते हैं। इस फिल्ड में कुछ प्राइवेट कंपनियों ने भी अपने चार्जिंग प्वाइंट्स शुरू कर दिए हैं, जो चार्जिंग के बदले आपसे कुछ पैसे लेते हैं और आपके कार की बैटरी चार्ज कर देते हैं। इन सेंटर्स पर DC फास्ट चार्जिंग की सुविधा होती है, इसलिए कम समय में ही आपकी कार 0 से 80 प्रतिशत तक चार्ज हो जाती है। आमतौर पर इसमें तकरीबन 1 घंटे का समय लगता है।

सवाल: Electric Car का फास्ट चार्जर कैसे काम करता है?

जवाब: अलग-अलग कंपनियों ने विभिन्न स्थानों पर फास्ट चार्जर स्थापित किए हैं। अधिकांश निर्माताओं ने अपने डीलरशिप और सर्विस स्टेशनों पर चार्जर इंस्टॉल कराए हैं। फास्ट चार्जर का उपयोग करना अपेक्षाकृत सरल है। आप चार्जिंग स्टेशन तक जाते हैं, अपनी कार पार्क करते हैं और चार्जर के साथ अपने वाहन को प्लग इन करते हैं। चार्जर से कनेक्ट होते ही कार के डैशबोर्ड पर चार्जिंग साइन दिखने लगेगा इसके बाद थोड़ा इंतजार करें और आपकी कार चार्ज हो जाएगी।

सवाल: पब्लिक में Electric Car चार्ज करना कितना खर्चीला है?

जवाब: फास्ट चार्जिंग के लिए आपको पैसे चुकाने होंगे। हालाँकि, कुछ निर्माता कुछ समय अवधि के लिए मुफ्त चार्जिंग की पेशकश करते हैं। दिल्ली-एनसीआर में Tata Tiago EV के एक यूजर ने बताया कि, उन्होनें नोएडा स्थित एक पब्लिक चार्जिंग प्वाइंट पर अपनी इलेक्ट्रिक कार चार्ज की थी। इस दौरान 39 मिनट तक कार की बैटरी को चार्ज किया गया और उन्होनें 18।94/kWh की दर से कुल 10।12 kWh बिजली के लिए 226 रुपये चुकाए थें। ध्यान रहे कि, इसमें तकरीबन 34।50 रुपये CGST और SGST भी शामिल है।

सवाल: Electric Car के लिए कैसे ढूंढे चार्जिंग प्वाइंट्स?

जवाब: पेट्रोल पंप ढूंढना तो आसान है, लेकिन आप चार्जिंग प्वाइंट्स कैसे ढूंढेंगे? परेशान न हो, ज्यादातर कार कंपनियां अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मोबाइल एप्लिकेशन जारी किए हुए हैं। इन एप्लीकेशन पर आपके तत्कालिक लोकेशन के अनुसार आस-पास के सभी चार्जिंग प्वाइंट्स दर्शाए जाते हैं। इसके अलावा अब गूगल मैप (Google Map) ने भी फ्यूल स्टेशन की ही तर्ज पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट्स भी दर्शाता है।

सवाल: Electric Car की रेंज कितनी होती है?

जवाब: हर इलेक्ट्रिक कार खरीदार के जेहन में उठने वाला ये सबसे बड़ा सवाल है कि, आखिर रेंज क्या है। कंपनियों द्वारा क्लेम रेंज और रियल वर्ल्ड रेंज में माइलेज के ही तरह फर्क देखने को मिलता है। क्योंकि, कंपनियां ख़ास परिस्थियों, रोड कंडिशन और भार के साथ अपने व्हीकल को टेस्ट करती हैं और सर्टिफाइड रेंज का दावा करती हैं। उदाहरण के तौर पर Tata Nexon EV के बेस 30 kWh बैटरी पैक वेरिएंट को लेकर कंपनी 325 किमी का दावा करती है, रियल वर्ल्ड में ये SUV तकरीबन 230 से 250 किलोमीटर तक का रेंज देती है। वहीं Nexon EV के हायर वेरिएंट में 40।5 kWh की बैटरी दी गई है जो 465 किमी सर्टिफाइड रेंज के साथ आती है।

हालांकि बाजार में कुछ और भी इलेक्ट्रिक कारें हैं जो इससे ज्यादा या इससे कम रेंज के साथ भी आती हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि, आप ARAI सर्टिफाइड रेंज के बजाय रियल वर्ल्ड रेंज को ध्यान में रखते हुए ट्रिप प्लान करें। इलेक्ट्रिक कार के रेंज पर कार पर पड़ने वाला वजन, रोड कंडिशन, AC का इस्तेमाल इत्यादि बहुत सारे कारक काम करते हैं।

सवाल: Electric Car पर सरकार की तरफ से सब्सिडी कितनी मिलती है?

जवाब: इलेक्ट्रिक कारों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने और EV इंडस्ट्री को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए केंद्र सरकार फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) स्कीम को लॉन्च किया था। इस समय इसका दूसरा चरण FAME-II चल रहा है। हाल ही में सरकार ने स्कीम के दूसरे चरण के लिए फाइनेंशियल आउटले को 1,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,500 करोड़ रुपये कर दिया है। साल 2019 में रोल-आउट होने वाली फेम 2 सब्सिडी स्कीम जो अब तक केवल 10,000 करोड़ रुपये थी वो इस बढ़ोतरी के बाद 11,500 करोड़ रुपये हो गई है। हालांकि ये स्कीम 31 मार्च 2024 तक ही लागू रहेगी।</p>

यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि, अलग-अलग राज्यों में सब्सिडी अलग-अलग होती है लेकिन केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी एक समान रहती है। सभी वाहन सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं, इसे पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर वितरित किया जाता है। इसलिए, सीमित स्लॉट उपलब्ध हैं। सब्सिडी की राशि बैटरी के आकार और वाहन की कीमत पर निर्भर करती है। सब्सिडी की सही रकम जानने के लिए आपको वाहन की डीलरशिप से बात करनी होगी। उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी एक Tata Tiago EV यूजर ने बताया कि, उन्होनें मिड-वेरिएंट खरीदा था जिसकी ऑन-रोड कीमत तकरीबन 9।15 लाख रुपये थी। इस कार के लिए उन्हें सरकार की तरफ से 1 लाख रुपये की सब्सिडी मिली।

सवाल: Electric Car पर कैसे मिलेगी सब्सिडी:

जवाब: इलेक्ट्रिक कार की खरीदारी पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आपको वाहन खरीदने के तुरंत बाद राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा। यहां पर आपको वाहन की डिटेल (रजिस्ट्रेशन नंबर, चेचिस नंबर) के साथ अपना एक पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर, पता, पहचान पत्र, बैंक डिटेल, RTO और डीलरशिप की जानकारी दर्ज करनी होगी।

आवेदन करने के बाद आपको कुछ महीनों का इंतजार करना होगा, सरकार द्वारा RTO और डीलरशिप द्वारा वेरिफिकेशन करने के बाद सब्सिडी की राशि आपके बैंक खाते में जमा करवा दी जाती है। यहां ध्यान देना जरूरी है कि, सब्सिडी के लिए अप्लाई करने के दौरान आप वही डिटेल्स दें जो कि आपने वाहन खरीदते समय डीलरशिप पर दी थी, अन्यथा एप्लीकेशन रिजेक्ट होने की संभावना होती है। उत्तर प्रदेश के इलेक्ट्रिक वाहन खरीदार इस वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। (https://upevsubsidy.in/)

सवाल: Electric Car की बैटरी कितनी चलती है?

जवाब: आमतौर पर, निर्माता अपने बैटरी पैक पर अच्छी वारंटी दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, टाटा 1.6 लाख किलोमीटर या 8 साल की बैटरी वारंटी का दावा करता है जो काफी है। इसी MG Comet EV पर कंपनी 8 साल या 1.20 लाख किलोमीटर तक की वारंटी देर ही है। Mahindra XUV400 EV पर भी टाटा की ही तरह 8 साल या 1 लाख 60 हजार किलोमीटर तक की वारंटी मिलती है। कुल मिलार इलेक्ट्रिक कार बैटरी लंबे समय तक सेफ रहती है।

सवाल: Electric Car की बैटरी रिप्लेसमेंट कॉस्ट क्या होगी?

जवाब: हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन भारत में हाल ही में शुरू हुआ है, ज्यादातर मौजूदा ग्राहकों ने एक-दो साल पहले ही इलेक्ट्रिक कार खरीदी है। दूसरी ओर कंपनियां लंबे समय तक की वारंटी भी देर रही हैं। फिर भी यदि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की बात करें तो आमतौर पर Tata Nexon EV की बैटरी बदलने पर तकरीबन 5 से 6 लाख रुपये का खर्च आएगी। हालांकि इसके बारे में कंपनी की तरफ से कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। वहीं सामान्यत: इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल कीमत में तकरीबन 45 से 50 प्रतिशत की कॉस्टिंग अकेले बैटरी की होती है।

सवाल: क्या पुरानी पेट्रोल-डीजल कार को Electric Car बना सकते हैं?

जवाब: आजकल, कुछ वाहनों के लिए कुछ इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट (Electric Conversion Kits) उपलब्ध हैं। लेकिन इस किट का इस्तेमाल करने के लिए आपको RTO से अनुमति लेने की जरूरत पड़ेगी। आपको अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र में बदलाव करने की प्रक्रिया से गुजरना होगा। मुद्दा यह है कि ऐसे किट केवल कुछ वाहनों के लिए उपलब्ध हैं और ये काफी महंगे हैं। उदाहरण के लिए, नॉर्थवे मोटरस्पोर्ट्स ने मारुति सुजुकी डिजायर के लिए एक इलेक्ट्रिक कन्वर्जन किट लॉन्च की है। इसकी कीमत 5 लाख रुपये है और ये लीगल है इसके लिए आपको अपने वाहन के रजिस्ट्रेशन पेपर में बदलाव कराना होगा।