चार हिंदुजा भाईयों में सबसे बड़े और हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) के चेयरमैन एसपी हिंदुजा अब इस दुनिया में नहीं हैं। एसपी हिंदुजा (SP Hinduja) ने 87 साल की उम्र में लंदन में आखिरी सांस ली। परिवार के प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हिंदुजा कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
एक बयान में परिवार ने कहा कि गोपीचंद, प्रकाश, अशोक और पूरी हिंदुजा फैमिली को बड़े भारी मन से यह दुखद खबर देनी पड़ रही है। एसपी हिंदुजा (SP Hinduja) एक जाने-माने बिजनसमैन थे। वे भारतीय मूल के ब्रिटिश अरबपति थे। उन्होंने अपनी फैमिली के साथ ही दोनों देशों में अपने संबंधों का तालमेल भी शानदार तरीके से रखा।
भारत और ब्रिटेन के बीच बनाए मजबूत संबंध
एक बयान में फैमिली ने कहा, ‘गोपीचंद, प्रकाश, अशोक और पूरे हिंदुजा परिवार को आज हमारे परिवार के संरक्षक और हिंदुजा समूह के अध्यक्ष एस पी हिंदुजा (SP Hinduja) के निधन की घोषणा करते हुए भारी दुख हो रहा है। वे हमारे दिवंगत पिता पीडी हिंदुजा के सिद्धांतों और मूल्यों पर चलने वाले परिवार के लिए एक दूरदर्शी और संरक्षक थे। उन्होंने अपने मेजबान देश ब्रिटेन और अपनी होम कंट्री भारत के बीच एक मजबूत संबंध बनाने में अपने भाइयों के साथ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’
अशोक लीलैंड और इंडसइंड जैसे बड़े ब्रैंड
हिंदुजा ग्रुप काफी पुराना ग्रुप है। इसकी स्थापना साल 1914 में श्रीचंद परमानंद ने की थी। श्रीचंद परमानंद के चार बेटे हैं। दुनिया के 38 देशों में इस ग्रुप का कारोबार फैला हुआ है। हिंदुजा ग्रुप में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी काम करते हैं। हिंदुजा ग्रुप ट्रक बनाता है। इसके अलावा यह बैंकिंग, पावर, मीडिया, हेल्थ और केमिकल सेक्टर में भी कारोबार कर रहा है। ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड और इंडसइंड जैसे बड़े ब्रैंड हिंदुजा ग्रुप के ही हैं।
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हिंदुजा ग्रुप की स्थापना
हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने ब्रिटिश इंडिया में सिंध इलाके से की थी। परमानंद दीपचंद हिंदुजा के चार बेटे थे जिनमें एसपी हिंदुजा (SP Hinduja) सबसे बड़े थे। हिंदुजा ग्रुप कभी कमोडिटी-ट्रेडिंग फर्म हुआ करती थी लेकिन श्रीचंद और उनके भाइयों ने लगातार अपने कारोबार को दूसरे क्षेत्रों में फैलाया। शुरुआती सफलता भारत के बाहर बॉलीवुड फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन से मिली। इसके बाद उनका बिजनस बढ़ता गया। श्रीचंद ब्रिटेन के नागरिक थे और उनकी गिनती देश के सबसे अमीर लोगों में होती थी। इस ग्रुप का भारत में भी बड़ा कारोबार हैं। भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं।
आज हिंदुजा ग्रुप की दर्जनों कंपनियां हैं। कंपनी का कारोबार ट्रक बनाने से लेकर, बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और हेल्थकेयर तक फैला है। ग्रुप की कंपनियों में अशोक लीलेंड और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। 14 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ हिंदुजा परिवार ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार है। इस ग्रुप के कंपनियों का कारोबार 38 देशों तक फैला है और उनमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। हिंदुजा परिवार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘गोपीचंद, प्रकाश एवं अशोक हिंदुजा समेत समस्त हिंदुजा परिवार बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा है कि परिवार के मुखिया एवं हिंदुजा समूह के चेयरमैन एस पी हिंदुजा का निधन हो गया है।’
संगम ने बदली थी किस्मत
अविभाजित भारत के कराची में एक कारोबारी परिवार में 28 नवंबर 1935 को जन्मे एसपी हिंदुजा (SP Hinduja) ने कारोबारी दुनिया में पहली सफलता हिंदी फिल्म ‘संगम’ के अंतरराष्ट्रीय वितरण अधिकारों से पाई थी। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाइयों के साथ मिलकर कामयाबी की कई इबारतें लिखीं।
हालांकि उन्हें बोफोर्स घोटाले में नाम आने पर विवादों का भी सामना करना पड़ा था। एसपी हिंदुजा और उनके दो भाइयों पर बोफोर्स तोप खरीद में 64 करोड़ रुपये का गैरकानूनी कमीशन लेने का आरोप लगा था। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय से तीनों हिंदुजा बंधुओं को साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2005 में आरोपमुक्त कर दिया गया था। उनकी पत्नी मधु का निधन गत जनवरी में 82 वर्ष की उम्र में हुआ था। उनके परिवार में दो बेटियां- शानू एवं वीनू हैं।
हिंदुजा के कारोबारी साम्राज्य की नींव उनके पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने रखी थी। वह सिंध इलाके (अब पाकिस्तान में) में कमोडिटी की ट्रेडिंग करते थे लेकिन बाद में वह ईरान जाकर कारोबार करने लगे। युवा श्रीचंद ने 1964 में राज कपूर की फिल्म ‘संगम’ को पश्चिम एशियाई देशों में वितरित कर पहली बड़ी कामयाबी हासिल की। तेल कीमतों पर ईरान के शाह के साथ इंदिरा गांधी की असहमति गहराने के बाद हिंदुजा बंधुओं को वहां की सत्ता से भारतीय उत्पादों का ईरान को निर्यात बढ़ाने का प्रस्ताव मिला तो उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया और लौह अयस्क से लेकर जिंसों तक का कारोबार करने लगे।
कई सेक्टर में फैला है बिजनस
वर्ष 1980 में उन्होंने भारत की ट्रक एवं बस विनिर्माता अशोक लीलैंड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। इसके अलावा शेवरॉन कॉर्प से उन्होंने गल्फ ऑयल का भी नियंत्रण लेकर तेल एवं लुब्रिकेंट कारोबार में कदम रखा। एसपी हिंदुजा (SP Hinduja) ने 1993 में इंडसइंड बैंक की शुरुआत कर बैंकिंग क्षेत्र में भी जगह बनाई। तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को भी बैंक के उद्घाटन पर आमंत्रित किया गया था। उसके अगले ही साल उन्होंने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में एसपी हिंदुजा बैंक प्रिवी की भी स्थापना की जो किसी भारतीय के स्वामित्व वाला इकलौता स्विस बैंक है। इस बैंक की शाखाएं ज्यूरिख, लंदन और दुबई में भी हैं जो बड़े उद्योगपतियों एवं उद्यमियों को निवेश परामर्श एवं संपत्ति प्रबंधन सेवाएं देता है।
भले ही हिंदुजा बंधु अपनी संपत्तियों के बारे में खुलकर चर्चा करने में परहेज करते रहे हैं लेकिन उनके बीच ब्रिटेन की अदालतों में पारिवारिक संपत्तियों को लेकर कानूनी झगड़े भी हुए हैं। वैसे यह परिवार अपने राजनीतिक रिश्तों को लेकर कुछ ज्यादा मुखर रहा है। इसके संबंध दुनिया के प्रमुख नेताओं से रहे हैं जिनमें ईरान के तत्कालीन शाह से लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश सीनियर और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल हैं। हिंदुजा बंधुओं ने वर्ष 2006 में लंदन की कार्लटन हाउस टेरेस स्ट्रीट पर 25 बेडरूम वाला एक बड़ा घर 5.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था। हिंदुजा परिवार ने अपने बयान में एसपी हिंदुजा के निधन पर शोक जताते हुए कहा, ‘एसपी हिंदुजा ने सही मायने में समूह के संस्थापक सिद्धांतों एवं मूल्यों के अनुरूप जिंदगी बिताई। उन्होंने भाइयों के साथ मिलकर अपने मातृदेश भारत और मेजबान देश ब्रिटेन के बीच मजबूत रिश्ते बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’
60 साल तक ईरान में रहा हिंदुजा ग्रुप का हेडक्वार्टर, फिर छोड़ना पड़ा ठिकाना
एसपी हिंदुजा ने जब 1952 में फैमिली बिजनस में एंट्री की थी तो उनके पिता ईरान को अपने ट्रेडिंग बिजनस का हब बना चुके थे। वह ईरान से कालीन और ड्राई फ्रूट्स का एक्सपोर्ट करते थे और भारत से टेक्सटाइल्स और चाय का इम्पोर्ट करते थे। करीब 60 साल तक इस ग्रुप का हेडक्वार्टर ईरान में रहा। लेकिन 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद हिंदुजा ग्रुप वहां से अपना हेडक्वार्टर हटाकर लंदन ले गया। आज हिंदुजा परिवार ब्रिटेन का सबसे अमीर परिवार है। इसकी कुल नेटवर्थ करीब 14 अरब डॉलर है। हिंदुजा ग्रुप का कारोबार 38 देशों में फैला है और इसमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं। इनमें ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड्स (Ashok Leyland) और इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) शामिल हैं।
हिंदुजा ग्रुप की स्थापना सिंध के शिकारपुर शहर के रहने वाले युवा उद्यमी परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में की थी। 1919 में कंपनी ने ईरान में अपना ऑफिस खोला। इसके बाद अगले 60 साल तक ईरान ही इस कंपनी का हेडक्वार्टर रहा। लेकिन 1979 में इस्लामिक क्रांति के कारण ईरान के शाह का पतन हो गया। इस उथलपुथल के बीच हिंदुजा ग्रुप ने अपना हेडक्वार्टर ईरान से बाहर ले जाने का फैसला किया। ग्रुप का अगला ठिकाना था ब्रिटेन की राजधानी लंदन। इस ग्रुप की शुरुआत मर्चेंट बैंकिंग और ट्रेड से हुई थी।
कहां-कहां फैला है बिजनस
एसपी हिंदुजा ने अपने परिवार के बिजनस को फैलाने में अहम भूमिका निभाई। ग्रुप ने स्विट्जरलैंड में एक फाइनेंस कंपनी हिंदुजा बैंक की स्थापना की। बाद में ग्रुप ने गल्फ ऑयल इंटरनेशनल और लैंड रोवर लीलैंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स को खरीदा। हिंदुजा ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक एसपी हिंदुजा देश में नए जेनरेशन के पहले प्राइवेट बैंक इंडसइंड बैंक की परिकल्पना एसपी हिंदुजा ने ही की थी। आज इसका कारोबार ऑटो, आईटी, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, ऑयल एंड स्पेशिएल्टी केमिकल्स, बैंकिंग एंड फाइनेंस, पावर जेनरेशन, रियल एस्टेट, हेल्थकेयर सहित कई सेक्टर्स में फैला है।
1971 में परमानंद दीपचंद के निधन के बाद उनके चार बेटों ने हिंदुजा ग्रुप के कारोबार को पूरी दुनिया में फैलाया। अशोक लीलैंड भारत में कमर्शियल वीकल बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी की दुनियाभर में करीब 10 प्रॉडक्शन यूनिट्स हैं। इस कंपनी ने 1997 में भारत की पहली सीएनजी बस उतारी थी। 1994 में हिंदुजा ग्रुप ने भारत के बैंकिंग सेक्टर में एंट्री मारी। साल 2000 में हिंदुजा ग्रुप ने हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस की स्थापना की। यह ग्रुप की बीपीओ कंपनी है। हिंदुजा ग्रुप ने जाने माने ब्रांड गल्फ को भी खरीदा था और बाद में इसका नाम गल्फ ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Gulf Oil Corporation Ltd) कर दिया था।
हर भाई के पास अलग जिम्मेदारी
हिंदुजा भाइयों में श्रीचंद पी हिंदुजा सबसे बड़े थे। गोपीचंद हिंदुजा दूसरे नंबर के, प्रकाश पी हिंदुजा तीसरे और अशोक पी हिंदुजा सबसे छोटे भाई हैं। दोस्तों के बीच एसपी के नाम से जाने जाने वाले श्रीचंद हिंदुजा ने 1952 में फैमिली बिजनस जॉइन किया था। हर भाई के पास कारोबार की अलग-अलग जिम्मेदारी थी। श्रीचंद हिंदुजा पूरे ग्रुप के चेयरमैन थे जबकि गोपीचंद हिंदुजा को-चेयरमैन है। प्रकाश यूरोप में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन हैं, जबकि अशोक भारत में हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन है। श्रीचंद गोपीचंद लंदन में रहते थे। गोपीचंद भी लंदन में रहते हैं। प्रकाश मोनैको में रहते हैं जबकि अशोक भारत में रहते हैं।
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