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बिसलेरी के फर्श से अर्श तक की पूरी कहानी, दूषित पानी देखकर पानी बेचने का आया आईडिया

Delhi: जब एक व्यक्ति ने कहा था कि वह पानी बेचेंगे, तो बहुत लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था, आज उनकी 1560 करोड़ रुपए की कंपनी है। आज पूरे विश्व में बिसलेरी का नाम हर जगह प्रशिद्ध है और आज बीसलरी एक बहुत बड़ी कंपनी बन कर सामने आयी है। जिसे आज अच्छे अच्छे ब्रांड पीछे नहीं छोड़ पाए। तो चलिए जानते है, बीसलरी की कामयाबी की पूरी कहानी

टीवी या विज्ञापनों में अपने यह तो सुना ही होगा, कि समझदार व्यक्ति जानता हैं कि पानी का हर बोतल बिसलेरी (Bisleri Bottle) नहीं होता। यह भारत का सर्वोच्च ब्रांड है, जिस पर कि हम सब भरोसा कर सकते हैं। तो चलिए, आज मैं आपको बिसलेरी ब्रांड के फर्श से अर्श तक के पहुंचने की बैक ग्राउंड स्टोरी

Felice Bisleri इटालियन बिजनेसमैन ने मिलान में बिसलेरी का शुभारंभ किया था। सन 1921, में Felice Bisleri दुनिया को अलविदा कह दिया था और उनकी मौ-त के बाद इस कंपनी के फैमिली डॉक्टर, मतलब कि रोजिज वह बिसलेरी कंपनी (Bisleri Company) के मालिक बन गए। पहले यह कंपनी मलेरिया की दवाइयां बनाती थी और इस कंपनी की एक ब्रांच मुंबई में हुआ करती थी।

भारत में जब बिसलेरी वॉटर प्लांट का कार्य प्रारंभ हुआ तो भारत के लोगों ने खुसरु संतुक को पागल कहना सुरु कर दिया और यह कहा कि भारत में 1 देकर पानी की बोतल कौन खरीदेगा। उस वक़्त भारत में एक रुपए की कीमत भी बहुत हुआ करती थी। इस कंपनी के मालिक डॉ रोजिज का सोचना था कि उनका यह व्यापार भारत में काफी अच्छा चलेगा, क्योंकि उस वक़्त मुंबई में साफ जल की व्यवस्था नहीं थी, बहुत ही दूषित पानी आता था।

शुरुआती समय में भारत के बाजर में बिस्लरी के दो उत्पाद आए बिसलेरी वॉटर और बिसलेरी सोडा। यह दोनों उत्पाद उस समय फाइव स्टार होटल और महंगे रेस्टोरेंट्स में ही मिलते थे। वक़्त के साथ यह आम जनता तक भी पहुंची, लेकिन बिसलेरी के पानी की बिक्री उतनी नहीं हो रही थी, जितनी बिसलेरी सोडे की हो रही थी। तो इस वजह से खुसरु संतुक बिसलेरी वॉटर का व्यापार बंद करना चाहते थे।

बिसलेरी पानी की बिक्री नहीं हो रही थी, तो खुसरू संचितइस कंपनी को बेचना चाहते थे। यह कंपनी बेचने की खबर जैसे ही पार्ले कंपनी के चौहान ब्रदर्स के कानो में पडी, वैसे ही सन 1926 में रमेश चौहान ने 4 लाख में बिसलेरी (इंडिया) लिमिटेड को खरीद लिया। जब चौहान ब्रदर्स ने यह कंपनी खरीदी, तब पूरे देश में बिसलेरी के सिर्फ पांच स्टोर थे, चार मुंबई में और एक कोलकाता में।

कुछ वक़्त बाद पार्ले की रिसर्च टीम ने पता लगाया की भारत की ऐसी बहुत सारी जगह है, जैसे कि रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, ढाबे, सड़क किनारे, आदि जहॉ अशुद्ध पानी आने की वजहों से लोग प्लेन सोडा खरीद कर पीना पड़ता हैं। तब यह जानने के बाद कंपनी के लोगों ने बिसलेरी वॉटर उन जगहों तक पहुंचाया, जहां पर साफ पानी उपलब्ध नहीं है और धीरे-धीरे इसी तरह से बिसलेरी वॉटर भारत में बहुत ही लोकप्रिय हो गया।

सन 1970 से 1999 तक भारत के बाजारों में बिसलॆरी ने खूब राज किया और देश भर में नंबर वन कंपनी बन गई। बिसलेरी की कामयाबी को देखकर बहुत लोग प्रेरित हुए और साल 2000 में बेली, एक्वाफिना और किनले जैसी नई कंपनियों ने यह दावा किया कि हम बिसलेरी से ज्यादा साफ और स्वच्छ पानी बाजार में ला रहे हैं। तो यह सब देखकर बिसलेरी ने अपने पानी के बोतल की पॆ॑किग को थोड़ा आकर्षित बनाया और अपने विज्ञापन के तरीके को भी बदलें, जिसकी कारण से बिसलेरी और भी मजबूत बनती गई।