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घर बनाना क्या सपना ही रह जाएगा, 40 फीसदी महंगी हुई निर्माण सामग्री

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते निर्माण सामग्री के भाव 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं, इससे बुनियादी ढांचा परियोजनााएं प्रभावित हो रही हैं। इस क्षेत्र से जुड़ी निर्माण कंपनियों और ठेकेदारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्ती मंत्री निर्माला सीतारणन से बुनियादी ढांचा क्षेत्र को राहत प्रदान करने की गुजारिश की है। उनका कहना है कि यदि समय पर सरकार ने कदम नहीं उठाया तो परियोजनाएं फेल होने से एनपीए बढ़ जाएगा।

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इंडियन बिल्डिंग्स कांग्रेस (आईबीसी) और बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) देश में निर्माण उद्योग के शीर्ष निकायों ने पिछले दिनों सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि हाल के महीनों में सीमेंट, बिटुमेन, स्टील, एल्यूमीनियम, डीजल और तांबे सहित प्रमुख निर्माण कच्चे माल की असामान्य रूप से कीमतों में उछाल आया है।

इंडियन बिल्डिंग्स कांग्रेस के विजय सिंह वर्मा ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। जिससे बुनियादी ढांचा क्षेत्र के समक्ष कड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।हालांकि मध्य प्रदेश व गुजरात सरकार ने कुछ राहत दी है, लेकिन केंद्र सरकार को इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना होगा।

यदि समय पर राहत नहीं मिली तो कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर पहुंच जाएंगी और परियोजनाओं के फेल होने का खतरा पैदा हो सकता है। इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भारी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आईबीसी के पेस्टी अध्यक्ष के.के. कपिला ने कहा कि कंपनियों को तत्काल आश्वासन पैकेज देने की जरुरत है। विदित हो कि बीएआई के सदस्यों के रूप में लगभग 25,000 व्यावसायिक संस्थाएँ हैं और पूरे देश में 200 शाखाएँ हैं।