देश के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज मौजूदा समय में अपने निवेशकों को गरीब बना रही है.
कभी निवेशकों की पहली पसंद रहने वाला ये शेयर अपनी चमक जैसे खोता जा रहा है. अगर कंपनी के 52 Week High स्टॉक प्राइस की की तुलना अभी के प्राइस से करें, तो लाखों निवेशकों को लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
डूब गए 5.92 लाख करोड़
रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर अपने 52 वीक हाई में 1608.95 रुपये पर था. इस प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 21,77,291.13 करोड़ रुपये था. ये रिलायंस को भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी भी बनाता है. खबर लिखे जाने के वक्त रिलायंस का स्टॉक प्राइस 1171 रुपये के आसपास आ चुका था. इस शेयर प्राइस पर कंपनी का मार्केट कैप 1584776.19 करोड़ रुपये रह गया है.
इस तरह लगभग 1 साल में कंपनी के निवेशको की इंवेस्टमेंट वैल्यू में 5.92 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ चुकी है. किसी कंपनी का मार्केट कैप उसके निवेशकों के पास मौजूद शेयर की टोटल वैल्यू को दिखाता है. अगर मार्केट कैप में गिरावट आती है, तो ये निवेशक की एसेट वैल्यू को भी कम करता है.
1 लाख के आज रह जाते इतने
पिछले साल 4 मार्च को रिलायंस का शेयर प्राइस 1507.40 रुपये था. अगर तब आपने रिलायंस के स्टॉक में 1 लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आपको उसे 66.33 शेयर मिलते. इस तरह 52 वीक हाई प्राइस यानी 1608.95 रुपये के भाव पर आपके निवेश की वैल्यू 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.067 लाख रुपये हो जाती. जबकि मौजूदा प्राइस 1171 रुपये पर आपका निवेश 77,680 रुपये का रह जाता, यानी आप 22,320 रुपये के नुकसान में होते. वहीं अगर इसकी तुलना 52 वीक हाई के प्राइस वैल्यू से करें तो आपका नुकसान 29,041 रुपये होता.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले साल दिवाली के आसपास अपने शेयर को स्प्लिट किया था. उसके बाद से ही उसक शेयर प्राइस गिरता जा रहा है. इस बीच दूसरी और तीसरी तिमाही में कंपनी का परिणाम भी इतना खास नहीं रहा और बाजार की अपेक्षा से कम रहा है. इसलिए भी निवेशकों का भरोसा कम होता दिख रहा है.