इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं के बढ़ने के बीच सरकार ने इलेक्ट्रिक दो-पहिया बनाने वाली कंपनियों से कहा कि वो नए वाहनों की लॉन्चिंग बंद कर दें. सरकार का कहना है कि जब तक इन मामलों की जांच नहीं हो जाती तब तक नए इलेक्ट्रिक वाहनों की लॉन्चिंग न करें. रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों के साथ एक बैठक हुई थी.
बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही कंपनियों से मौखिक तौर पर कहा गया कि जब तक आग लगने की घटनाओं के कारणों की जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक नए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लॉन्च न किए जाएं. यह बैठक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने के बढ़ते मामलों को लेकर बुलाई गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों के साथ चर्चा के बाद एक अधिकारी ने कहा कि जब तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चलता तब तक ईवी (EV) निर्माताओं को नए वाहनों को लॉन्च करने से मौखिक रूप से मना कर दिया गया है. साथ ही, सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं से कहा गया है कि अगर उस बैच में से कोई एक वाहन भी आग लगने की घटना में शामिल था, तो सभी वाहनों के पूरे बैच को स्वेच्छा से रिकॉल किया जाए.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आग लगने की कई दुर्घटनाओं के बाद इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से पिछले हफ्ते ही खराब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को स्वेच्छा से रिकॉल करने को कहा था. ओला, ओकिनावा और प्योर ईवी ने कथित तौर पर अपने द्वारा बेचे गए लगभग 7,000 ई-दोपहिया वाहनों को रिकॉल भी किया है.
ईवी निर्माताओं को मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में भी याद दिलाया गया, जो केंद्र को जबरन रिकॉल करने और अवहेलना करने वाले निर्माताओं पर जुर्माना लगाने का अधिकार देता है. दरअसल कुछ घटनाओं में तो सिर्फ वाहन का नुकसान हुआ लेकिन इन्हीं में से कुछ घटनाओं में लोगों की जान भी चली गई और इसके बाद ही आग लगने की घटनाओं पर लोगों का ज्यादा ध्यान गया.
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