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बाज़ार में बिक रहा मिलावटी सरसों का तेल, CM उड़नदस्ते की छापेमारी में मिला साढ़े 4 हज़ार लीटर तेल

चंडीगढ़: सरसों का तेल लगातार महंगा हो रहा है, जिससे मिलावटी तेल भी बाजार में पहुंच गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने वार्ड नंबर पांच स्थित रामनगर कॉलोनी में सरसों के तेल में मिलावट की आशंका पर छापामारी कर दो कंपनी के तेल के पांच सैंपल लिए। सैंपलों को चंडीगढ़ प्रयोगशाला भेजा जाएगा। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की इस कार्रवाई से ट्रेडिंग मालिकों में हड़कंप मच गया।

मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने अराईपुरा रोड स्थित ट्रेडिंग कंपनी में छापामारी की। मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के इंचार्ज राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पहुंचे फूड सेफ्टी टीम ने फैक्टरी में जमीन के अंदर व बाहर रखे टैंकों से तेल के सैंपल लिए। अधिकारियों के अनुसार सरसों व कुकिंग तेल में मिलावट की उन्हें शिकायत मिली थी, जिसके चलते सैंपल लिए गए हैं। इन सभी सैंपलों को चंडीगढ़ प्रयोगशाला में भेजा जाएगा और रिपोर्ट के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।

सभी नियम और शर्तें पूरी कर रहे

वहीं, फैक्टरी संचालक सुंदर जैन का कहना है कि वे बाहर से सरसों का तेल लाकर फिल्टर करने के बाद यहां पर पैकिंग करते हैं। वे दो ब्रांडों की पैकिंग करते हैं, जिसके लिए उन्होंने लाइसेंस लिया है और सभी नियम व शर्तें पूरी हैं। टीम ने सैंपल लिए। मुख्यमंत्री उड़नदस्ते को चार हजार लीटर तेल का एक टैंक मिला है। साथ ही एक टैंक एक हजार लीटर व एक टैंक 500 लीटर का मिला है।

रिपोर्ट के अनुसार होगी कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. संदीप कादियान ने बताया कि फैक्टरी की चेकिंग के दौरान पाया गया है कि फैक्टरी कम जगह में चल रही थी और दो ब्रांड के लिए ऑयल बनाया जा रहा था, जिनके पांच सैंपल लिए गए हैं, इन सैंपलों को चंडीगढ़ लैब में भेजा जाएगा और रिपोर्ट के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी

समय पर नहीं आती सैंपल की रिपोर्ट

पिछले कई महीनों से लगातार खाद्य तेल महंगे हो रहे हैं। जिसे देखते हुए मुनाफा कमाने वालों का ध्यान खाद्य तेलों की ओर गया है। सूत्रों की मानें तो बाजारों में बड़ी संख्या में मिलावटी सरसों व अन्य खाद्य पदार्थ बिक रहे हैं, जो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग को भी लगातार इसकी शिकायतें मिल रही थी। जिस पर अब मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने छापामारी शुरू कर दी है।

बिडंबना यह है कि खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट तब आती है, जब लोग उस वस्तु का इस्तेमाल कर चुके होते हैं। मिलावट का धंधा करने वाले भी बखूबी जानते हैं कि कोई भी टीम आए, सिर्फ सैंपल की कार्रवाई तक की सीमित रहेगी। मौके पर तात्कालिक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। हर बार सैंपल भरे जाते हैं, उसके बाद उन सैंपल्स की रिपोर्ट कब आती है, कैसी आती है, इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पाती है। अधिकांश मामले निपट ही जाते हैं। यदि कोई कार्रवाई होती है तो सिर्फ खानापूर्ति होती है, यही कारण है कि मिलावट करने वालों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं।