Placeholder canvas

Kartavya Path: आज दुनिया देखेगी भारत का बदलता इतिहास, PM मोदी करेंगे ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन

Kartavya Path: घड़ी की सुइयों ने इतिहास की हर एक करवट को देखा है, कब क्या हुआ, क्यों हुआ, कैसे हुआ और किसने किया। इन सभी की चश्मदीद गवाह सिर्फ घड़ी की सुइयां हैं। आज फिर एक बार ये गवाह बनने जा रही हैं इतिहास के एक नए पन्ने के पलटने का।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ना सिर्फ इस नए पन्ने को लिखे जाने के सूत्रधार हैं, बल्कि इसे अंत तक पूरा लिखने के कर्णधार भी हैं। इस पूरी भूमिका को लिखने का सबब ये है कि आज जो होने जा रहा है वो आजाद भारत के इतिहास में दशकों बाद होने वाला एक बड़ा बदलाव (Kartavya Path) है।

जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शाम 7 बजे इंडिया गेट के पीछे बनी छतरी के नीचे लगाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subash Chandra Bose Statue) की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

ग्रेनाइट पत्थर से बनी ये मूर्ति देश के सबसे बड़े मोनोलिथ (यानी एक ही पत्थर को तराश कर बनाई गई प्रतिमा) में से एक होगी। इतना ही नहीं बीते 61 साल में कई पीढ़ियां जो ‘राजपथ’ से गुजर चुकी हैं। नई पीढ़ी अब उसी सड़क को ‘कर्तव्य पथ’ (Kartavya Path) नाम से जानेगी, क्योंकि दुनिया को भारत के गणतंत्र की ताकत दिखाने वाली इस सड़क का नाम भी कल से बदल जाएगा। इससे पहले 1961 में इस सड़क का नाम अंग्रेजों के दौर से चले आ रहे King’s Way से बदलकर ‘राजपथ’ किया गया था।

खुलने जा रहा ‘कर्तव्यपथ’

केन्द्र सरकार (Central Govt) ने कोरोना काल के बीच में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की शुरुआत की थी। इसके तहत नए संसद भवन के अलावा राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक जाने वाली तीन किलोमीटर लंबी सड़क पर देश की नई राजधानी का निर्माण होना है। इसमें केन्द्र सरकार का नया सचिवालय, मंत्रालयों के दफ्तर और कई सरकारी आवास बनाए जाने हैं। इसी प्रोजेक्ट के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘राजपथ’ के बदले स्वरूप ‘कर्तव्यपथ’ (Kartavya Path) का उद्घाटन करने जा रहे हैं।

वहीं इस साल के आरंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर इंडिया गेट के पीछे बनी छतरी में उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया था। तब कहा गया था कि इस जगह पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक ग्रेनाइट की प्रतिमा लगाई जाएगी। अब 28 फुट ऊंची ये प्रतिमा बनकर तैयार है, ऐसे में इसका अनावरण कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने जा रहे हैं। इससे पहले सरकार इंडिया गेट के नीचे जलने वाली ‘अमर जवान ज्योति’ का विलय राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) में कर चुकी है।

खास है इंडिया गेट की छतरी का इतिहास

जिस छतरी के नीचे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगने जा रही है, वहां कभी ब्रिटेन के महाराजा किंग जॉर्ज पंचम की एक मार्बल की मूर्ति हुआ करती थी। 1939 में लगाई इस प्रतिमा को आजादी के बाद वहां से हटा दिया गया और 1968 से ये छतरी खाली है। जॉर्ज पंचम की वो मूर्ति तब 1911 के दिल्ली दरबार के कार्यक्रम स्थल, जिसे अब कोरोनेशन पार्क कहते हैं, वहां की शोभा बढ़ाती है।

अमृतकाल के 5 प्रण में से एक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेंट्रल विस्टा के इस नए स्वरूप को उनके स्वतंत्रता दिवस के लाल किले की प्राचीर से दिए गए भाषण से जोड़कर देखा जा रहा है। उस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के अमृतकाल में ‘5 प्रण’ लेने का आग्रह किया था। ऐसे में नेताजी की प्रतिमा का अनावरण और राजपथ के नाम बदलने के उन्हीं में से एक ‘गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पाने’ के प्रण से जोड़कर देखा जा रहा है।

होंगे कई रंगारंग कार्यक्रम

नेताजी की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए छतरी तक प्रधानमंत्री का आगमन परंपरागत मणिपुरी शंख वाद्यम और केरल के परंपरागत पंच वाद्यम और चंडा के साथ होगा। प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत कदम-कदम बढ़ाए जा की धुन के साथ होगा। वहीं 500 डांसर का एक ग्रुप इस मौके पर ‘एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत’ और ‘अनेकता में एकता’ की भावना को दिखाने वाला कार्यक्रम पेश करेगा।

मुख्य समारोह के बाद 8 सितंबर 2022 को कर्तव्य पथ पर यह उत्‍सव रात 08:45 बजे शुरू होगा तथा 10 और 11 सितंबर 2022 को शाम 7।00 बजे से रात 9 बजे तक जारी चलेगा। नेताजी के जीवन पर 10 मिनट का एक विशेष ड्रोन शो 9, 10 और 11 सितंबर, 2022 को रात 8:00 बजे इंडिया गेट पर प्रस्‍तुत किया जाएगा। सांस्कृतिक उत्सव और ड्रोन शो दोनों में जनता के लिए प्रवेश नि:शुल्‍क रहेगा।