रिश्ते काफी नाजुक होते हैं और उन्हें संभाल कर रखना काफी जरूरी होता है। छोटी सी चोट भी रिश्तों को तार-तार कर सकती हैं। इसलिए रिश्तों को बहुत संजो कर रखना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ सिर्फ शब्द ही आपके रिश्ते को खत्म करने की ताकत रखते हैं। रिश्तों में ओके, फाइन और गुड जैसे शब्द कड़वाहट ला देते हैं।इसलिए कुछ शब्दों के इस्तेमाल और उनके प्रभाव को जानना बहुत जरूरी है। आज हम आपको उन शब्दों के बारे में बताएंगे जो आपके रिश्तों पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
बात करने की गुंजाइश होती है खत्म
किसी भी झगड़े के बाद जब आप ओके, फाइन और गुड जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो साफ पता चल जाता है कि आप नॉर्मल नहीं है। इसे बात करने और किसी भी चीज को समझने की गुंजाइश खत्म हो जाती है और समस्या कम होने की जगह बढ़ जाती है। इससे पार्टनर के बीच कम्युनिकेशन गैप हो जाता है और रिश्ते खराब हो जाते हैं।
ठीक हूं..जैसे शब्दों का न करें यूज
झगड़े के बाद कभी भी मैं ठीक हूं जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि वाकई उस वक्त आप ठीक नहीं होते हैं। आप अंदर ही अंदर परेशान होते हैं लेकिन चाहकर भी अपने पार्टनर के सामने खुलकर नहीं कह पाते हैं। अपनी भावनाओं को शेयर नहीं करने से रिश्ते पर गलत असर होता है और आप चाहकर भी नॉर्मल बिहेव नहीं कर पाते और ये सीधे-सीधे आपके रिश्ते को प्रभावित करता है।
रिश्तों में आती हैं दूरियां
किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए बातचीत सबसे अहम जरिया है। मैं ठीक हूं, फाइन, हम्म, ओके जैसे शब्द बैड कम्यूनिकेशन की ओर ले जाते हैं। इन शब्दों को बार बार सुनकर आपका पार्टनर भी चिड़चिड़ा हो सकता है क्योंकि वो आपसे कुछ पूछेगा या कहेगा तो ऐसा जवाब पाकर उनका मूड भी खराब हो जाएगा। ऐसे में सामने वाला भी कोशिश करने से पीछे हट जाएगा। तो जहां तक हो सके इन शब्दों के इस्तेमाल से परहेज करें और अपने रिश्ते की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए बातचीत का सहारा लें।
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