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Plane Tragedy: 95 लोगों के साथ 24 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था प्लेन, तभी उड़ गई प्लेन की छत

Plane Tragedy: कल्पना कीजिए आप किसी प्लेन में उड़ान भर रहे हैं और प्लेन अच्छी खासी ऊंचाई पर उड़ रहा हो. तभी अचानक पूरी छत ही उड़ जाए, तो प्लेन में सवार यात्रियों का क्या हाल हुआ होगा.

जी हां, 90 यात्रियों को लेकर जा रहे एक प्लेन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. हालांकि, पायलट की सूझबूझ की वजह से सभी यात्रियों को सुरक्षित धरती पर वापस लैंड करा दिया गया.

दरअसल, यह विमान जब 24 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, तो प्लेन की छत ही गायब हो गई थी. आइये दिल दहलाकर रख देने वाली इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं.

प्लेन में क्रू मेंबर्स सहित 95 लोग थे सवार

यह Plane Tragedy अमेरिका में 28 अप्रैल 1988 को हुई थी. अलोहा एयरलाइंस के एक विमान ने अमेरिका के हवाई प्रांत हिलो से होनुलुलु की तरफ उड़ान भरी. यह एक बोइंग 737-297 विमान था, जिसमें 89 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स को मिलाकर कुल 95 लोग सवार थे.

प्लेन ने सामान्य उड़ान भरी और जल्द ही वह अपनी सामान्य ऊंचाई पर पहुंच गया. उस वक्त विमान आसमान में 24,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था. तभी हवा के दबाव में कमी आने की वजह से विस्फोट हुआ और विमान के छत का एक हिस्सा उड़ गया. बाद में पता चला कि विमान की मेंटेनेंस सही से नहीं हो रही थी.

Plane Tragedy: दहशत में आए लोग

प्लेन ने हिलो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोपहर 1:25 पर उड़ान भरी थी और 1:48 पर विमान का एक छोटा हिस्सा (Plane Tragedy) टूटकर अलग हुआ था. कैप्टन को इस बात का पता लग गया अैर प्लेन के कंट्रोल्स लूज हो गए.

विमान बाएं से दाएं की तरफ झुकने लगा. थोड़ी ही देर में छत का एक बड़ा हिस्सा गायब हो गया. इसके बाद प्लेन के क्रू मेंबर्स सहित यात्री भी दहशत में आ गए. हालांकि प्लेन को उड़ा रहे अनुभवी पायलटों रॉबर्ट शॉर्नथीमर और मैडलिन टॉमकिन्स ने इसकी सुरक्षित लैंडिंग करवा दी और एक बड़े हादसे को टाल दिया.

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Plane Tragedy: सीट बेल्ट ने बचाई पैसेजंर्स की जान

इस घटना में 58 साल की फ्लाइट अटेंडेंट क्लाराबेल लैनसिंग की मौत हो गई थी. वह एक सीट के पास खड़ी थीं और छत के गायब होने के बाद हवा में ही उड़ गईं. उनकी लाश कभी नहीं मिली. वहीं 8 अन्य लोग भी बुरी तरह जख्मी हुए थे.

हालांकि सीट बेल्ट लगाने की वजह से पैसेंजर्स की जान बच गई थी लेकिन उनमें से कई घायल हो गए थे. इस दुर्घटना में प्लेन में सवार 95 लोगों में से 65 लोगों को चोटें आई थीं. घटना में प्लेन इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था कि उसे रिपेयर करना संभव नहीं था.