MP Teacher Donated 40 Lakhs
MP Teacher Donated 40 Lakhs

मध्य प्रदेश के पन्ना के सहायक शिक्षक (MP Teacher Donated 40 Lakhs) ने समाज और देश के सामने मिसाल कायम की है। उन्होंने अपने रिटायरमेंट के दिन PF में मिलने वाले पूरे 40 लाख रुपये गरीब बच्चों के लिए दान कर दिए।

विजय कुमार चंसोरिया ने गरीबी को समझा है, उनका बचपन भी गरीबी में गुजरा है। सहायक शिक्षक (madhya pradesh teacher set example) ने अपनी पढ़ाई के लिए रिक्शा तक चलाई है।

39 वर्ष की नौकरी के बाद हुए रिटायर

सहायक शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया (MP Teacher Donated 40 Lakhs) ने 39 साल तक सरकारी नौकरी की है। रिटायरमेंट से पहले वह प्राथमिक शाला खदिंया के सहायक शिक्षक पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। रिटायरमेंट के बाद शिक्षक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1983 में वह रक्सेहा में सहायक शिक्षक के पद पर चयनित हुए थे। उसके बाद से वह निरंतर बच्चों को पढ़ाते रहे। साथ ही बीच-बीच में बच्चों को उपहार भी देते थे। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती थी।

यह भी पढ़ें: दुनिया पर राज करने की तैयारी में Mukesh Ambani, इस देश में बना रहे अपना फैमिली ऑफिस

40 लाख रुपये की राशि मिली

सरकारी नौकरी से विजय कुमार चंसोरिया 31 जनवरी को रिटायर हुए हैं। उन्हें पीएफ और ग्रेच्युटी की राशि के रूप में 40 लाख रुपये (MP Teacher Donated 40 Lakhs) की राशि मिली है। एक तरीके से यह राशि उनकी जिंदगी की पूरी कमाई थी। रिटायरमेंट के बाद मिली राशि को शिक्षक ने गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए विद्यालय को दान करने की घोषणा कर दी है। शिक्षक के इस पहल की तारीफ पूरे जिले में खूब हो रही है।

बच्चों को काम आएगी यह राशि

शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे बच्चे स्थापित हो गए हैं। बच्ची की भी शादी हो गई है। इसके बाद हमने बच्चों और अपनी पत्नी से राय ली। मैंने उनसे कहा कि हमें जो राशि रिटायरमेंट में मिलेगी, उसे हम गरीब बच्चों में दान करना चाहते हैं। इससे पहले भी मैंने गरीब बच्चों को कपड़े और स्वेटर दान किए हैं। साथ ही मैं त्यौहार भी उन्हीं के साथ मानता था। मैंने 39 साल बच्चों के साथ व्यतीत किया है, देखा है कि कैसे वह खुश रहते हैं।

यह भी पढ़ें: Kantara Box Office: ‘कांतारा’ ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भी पछाड़ा, 2022 की टॉप 5 लिस्ट में पहुंची

दोनों बेटे करते हैं नौकरी

शिक्षक की पत्नी हेमलता चंसोरिया ने बताया कि हमारे दो बेटे हैं। दोनों नौकरी करते हैं। वह अच्छे से सेटल हैं। ऐसे में हमारे पति ने रिटायरमेंट की राशि दान करने का फैसला लिया। बच्चों ने भी पिता की बात पर हामी भर दी और कहा कि आप दान कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने यह राशि दान करने का फैसला किया है।

दूध बेचा और रिक्शा चलाया

रिटायर्ड शिक्षक विजय कुमार चंसोरिया का बचपन भी गरीबी में गुजरा है। गरीबी की वजय वह दूध बेचा करते थे। साथ ही पढ़ाई के खर्चे निकालने के लिए रिक्शा भी चलाते थे। कड़ी मेहनत के बाद वह सरकारी शिक्षक बने। इसलिए गरीबों का दर्द उन्होंने समझा है। साथ ही समाज में एक अनोखी मिसाल कायम की है।


Discover more from Newzbulletin

Subscribe to get the latest posts sent to your email.