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साल 2022 की अंतिम त्रयोदशी आज, इस तरह करें शिव की पूजा, महादेव हर मनोकामना करेंगे पूरी

इस वर्ष की अंतिम त्रयोदशी (अथवा प्रदोष) तिथि 21 दिसंबर 2022 (बुधवार) को आ रही है। इस दिन पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है। आगमों व पुराणों में त्रयोदशी तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित की गई है। यही कारण है कि इस दिन महादेव का अभिषेक किया जाता है, उनकी विशेष पूजा की जाती है।

 

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत एवं शिव की आराधना करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसे भक्तों को मोक्ष तो मिलता ही है, वे इस पृथ्वी पर भी समस्त प्रकार के सुख व सौभाग्य प्राप्त करते हैं। जानिए त्रयोदशी व्रत की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।

 

यह है त्रयोदशी पूजा के शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Puja Vidhi) इस बार त्रयोदशी 21 दिसंबर को रात्रि 10.16 बजे तक रहेगी। इस दिन सुबह 8.33 बजे तक विशाखा और उसके बाद अनुराधा नक्षत्र रहेगा। इस बार प्रदोष सर्वार्थ सिद्धी योग और अमृत सिद्धि योग में आ रही है।

 

अमृत सिद्धि योग सुबह 8.33 बजे से अगले दिन (22 दिसंबर) सुबह 6.33 बजे तक रहेगा। इसी प्रकार सर्वार्थसिद्धी योग सुबह 8.33 बजे से अगले दिन सुबह तक रहेगा। चौघड़िया की बात करें तो सुबह 7.11 बजे से 9.48 तक क्रमशः लाभ व अमृत का चौघड़िया रहेगा।

 

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इसगके बाद दोपहर 11.07 बजे से 12.25 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। इनमें से किसी भी शुभ मुहूर्त में पूजा की जा सकती है।

त्रयोदशी पर ऐसे करें शिव की पूजा (Pradosh Vrat par Shiv ki Puja Kaise Kare) महादेव सभी देवों के भी देव हैं, इस पूरी सृष्टि में ऐसी कोई चीज या वरदान नहीं, जो वह नहीं दे सकते हैं। यही कारण है कि देवता, मनुष्य, राक्षस सभी उनकी पूजा करते हैं।

 

आप यदि किसी विशेष उद्देश्य को लेकर उनकी आराधना करना चाहते हैं तो प्रदोष पर रुद्राभिषेक करवा सकते हैं या सहस्रघट करवा सकते हैं। यदि आपकी इतनी सामर्थ्य नहीं है तो आप अपने घर के निकट किसी शिव मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं।

 

इसके लिए मंदिर में जाकर शिवलिंग व शिव पंचायत को गंगाजल व पंचगव्य से स्नान कराएं। शिवलिंग, मां पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय व नंदी को पुष्प, माला, प्रसाद आदि अर्पित करें। इसके बाद उनकी आरती करें और यथासंभव उनके पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का अधिकतम जप करें।

 

 

इस प्रकार आपकी पूजा पूर्ण होगी। कहा जाता है कि शिव की पूजा समस्त फलों को देने वाली है। यही नहीं, उनकी आराधना से जन्मकुंडली में महाराजयोग का निर्माण हो सकता है।

त्रयोदशी पर करें ये उपाय (Shivji Ke Upay) अलग-अलग उद्देश्यों के लिए भगवान शिव का अलग-अलग वस्तुओं से अभिषेक करने का विधान बताया गया है। समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए दूध से, कॅरियर में ग्रोथ के लिए गन्ने के जूस से, किसी विशेष इच्छा की पूर्ति के लिए पांच अलग-अलग फलों के जूस से, धन की प्राप्ति के लिए शहद अथवा घी से अभिषेक करना चाहिए। आप भी किसी योग्य विद्वान की सहायता से इनमें से कोई भी एक उपाय कर सकते हैं।

प्रदोष पर करें इन नियमों का पालन यूं तो बाबा भोलेनाथ श्मशान में रहने वाले हैं। उनके लिए कुछ भी भक्ष्य या अभक्ष्य नहीं हैं, उन्हें सच्चे मन से जो भी चढ़ाया जाएगा, वह उसे ग्रहण कर लेंगे। फिर भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

ये निम्न प्रकार हैं- इस दिन केवल फलाहार करें, स्वास्थ्य संबंधी कारण होने पर इस नियम को भंग जा सकता है। मांस, मदिरा, अंडा, शराब, नशीले पदार्थों आदि का सेवन भूल से भी न करें।

प्रदोष व्रत के दिन पूरे नियम और ब्रह्मचर्य के साथ रहें। मन में किसी भी तरह का बुरा विचार न लाएं। इस दिन जितना संभव हो, दूसरों की सहायता करें। किसी का भी तिरस्कार या अपनान न करें।