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Lalitpur: जियेंगे साथ, मरेंगे साथ, पीयूष को बचा न पाया पर जान देकर दोस्ती अमर कर गया इसरार

ललितपुर(Lalitpur) में गणेश विसर्जन के दौरान तालाब में डूबे अपने दोस्त पीयूष को भले ही इसरार बचा नहीं पाया लेकिन जान देकर दोस्ती को अमर कर गया। शुक्रवार को सारा दिन ललितपुर(Lalitpur) में इन दोनों की दोस्ती को लेकर चर्चाएं होती रहीं।

सभी ने कहा कि दोस्ती हो तो ऐसी। लोगों ने बताया कि जब दोनों के शव बाहर निकाले गए तो पीयूष के हाथ में इसरार का हाथ था। यह देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो उठीं।

ललितपुर(Lalitpur) शहर के सदर इलाके में नेहरू नगर कॉलोनी के पास रेलवे अस्पताल वाली गली में रहने वाले पीयूष (17) और इसरार (19) पीढ़ियों से पड़ोसी थे। दोनों का घर मुश्किल से पचास गज के फासले पर है। पड़ोसियों के मुताबिक दोनों का बचपन से ही साथ में उठना-बैठना था।

इसरार उम्र में दो साल बड़ा था लेकिन, दोनों अक्सर एक साथ ही रहते थे। इसरार कुछ समय पहले पढ़ाई छोड़ चुका लेकिन, पीयूष बीए की पढ़ाई कर रहा था।

दोनों साथ में ही बाहर घूमने जाते। शुक्रवार को गणेश विसर्जन के लिए पीयूष के कहने पर इसरार इंकार नहीं कर सका और उसके साथ चल पड़ा। पूरे विसर्जन के दौरान इसरार दूर चबूतरे पर खड़ा होकर विसर्जन देखता रहा। इसी दौरान पीयूष प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए तालाब में उतर गया।

पीयूष गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा। मदद की गुहार भी लगाई लेकिन कोई नहीं पहुंचा। अपने दोस्त को डूबते देख इसरार तालाब में कूद पड़ा। हालांकि उससे तैरना नहीं आता था। वह पीयूष को बचा नहीं पाया पर जान देकर दोस्ती अमर कर गया।