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इन टिप्स को आज़माएंगे तो भीषण गर्मी में भी लू नहीं लगेगी, लू से बचने के देसी उपाय

गर्मी के साथ ही मौसमी बीमारियों का भी कहर बढऩे लगा है। इन दिनों जिला अस्पताल में आने वाले एक तिहाई मरीज गर्मी के चलते होने वाली मौसमी बीमारियों से ग्रसित है। जिसमें लू, डायरिया, पेट दर्द, दस्त सहित पीलिया और डायरिया के भी मरीज शामिल है। सामान्य वार्ड में भर्ती मरीजों में भी इन बीमारियों के मरीजों की संख्या ज्यादा है। विशेषज्ञ डॉक्टर्स का कहना है कि गर्मी में शरीर के तापमान का विशेष ध्यान रखा जाए।

जिला अस्पताल में रोजाना 12 से 15 सौ के बीच ओपीडी हो रही है। इसमें सामान्य बीमारियों वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। जिसमें करीब 500 मरीज रोज सामान्य बीमारियों को लेकर पहुंच रहे है। इसमें भी दस प्रतिशत मरीज लू और डायरिया से ग्रसित बताए जा रहे है। मेडिकल कॉलेज के एमडी मेडिसिन डॉ. पंकज जैन ने बताया कि 30 से 40 मरीज लू और डायरिया के भर्ती है। इसके साथ ही पेट दर्द के मरीज भी करीब 15 से 20 रोज आ रहे है। पीलिया और टायफाइड के मरीजों की भी संख्या रोजाना दस के करीब हो रही है। डॉ. जैन ने बताया कि लोग पेट की बीमारियों से बचने के लिए उबला पानी ठंडा करके पिए, जहां तक हो फिल्टर वाला पानी उपयोग करें।

अधिक से अधिक पानी का सेवन करें
मेडिकल कॉलेज के एमडी मेडिसिन डॉ. रंजीत बड़ोले ने लू से बचने की सलाह देते हुए बताया कि गर्मी के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शरीर को पानी की कमी से बचाए। इसके लिए अधिक से अधिक मात्रा में पानी पानी पिए, हो सके तो ओआरएस का घोल भी ले। घर में बने पेय जैसे, नींबू-पानी, छाछ-मठा-लस्सी, फलों का रस आदि में नमक डालकर सेवन करें।

घर से बाहर निकलते समय एवं यात्रा के लिए पानी साथ रखें। ऐसे फल व सब्जियों का सेवन करें जिनमें पर्याप्त मात्रा में पानी होता है जैसे तरबूज, खरबूज, संतरा, अंगूर, ककड़ी आदि। उन्होंने कहा कि जहां तक हो सकें धूप में निकलने से बचे। बाहर जाने पर धूप से बचने के लिए सिर ढांक कर रखें। छाता, टोपी, गमछा, टावेल या अन्य प्रकार से सिर को कवर करें।