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पूजा में अगरबत्ती इस तरह जलानी चाहिए, कभी ना करें ये गलती वरना रुक जाएगी वंश वृद्धि

घर या मंदिर में पूजा पाठ के दौरान हम सब सभी लोग अक्सर धूप-अगरबत्ती या कपूर जैसी चीजें जलाते हैं. हम ऐसा किसी परंपरा के तहत करते हैं या सनातन धर्म में इसे लेकर कोई नियम दिया गया हो. क्या आपने कभी सोचा है कि अगरबत्ती जलाने की क्या असल वजह हो सकती है. वास्तु शास्त्र में अगरबत्ती को लेकर विस्तार से बताया गया है. आज हम आपको इस बारे में जानकारी देते हैं.

अगरबत्ती जलाने के फायदे (Benefits of Agarbatti)

ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक किसी भी देवी-देवता की पूजा के दौरान अगरबत्ती जलाना बेहद शुभ माना जाता है. अगरबत्ती की सुगंध से पूरा घर महक उठता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इस सुगंध से देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं और वे परिवार को आगे बढ़ने का आशीर्वाद देते हैं. अगरबत्ती की सुगंध से घर में मौजूद बुरी शक्तियां भाग खड़ी होती हैं.

हवा के कीटाणु हो जाते हैं नष्ट

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra for Agarbatti) के अनुसार अगर हम घर की दक्षिण दिशा में अगरबत्ती जलाएं तो उसका प्रभाव ज्यादा होता है. इससे घर में मौजूद नकारात्मकता दूर होती है. यही नहीं, अगरबत्ती से निकलने वाले धुएं से हवा में मौजूद खतरनाक कीटाणु नष्ट हो जाते हैं. जिससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और परिवार के लोग बीमारियों से बचे रहते हैं.

भूलकर भी न जलाएं बांस की अगरबत्ती

सनातन धर्म में बांस के पेड़ को शुभ माना गया है. शादी-विवाह जैसे शुभ मौकों पर मंडप बनाने के लिए बांस की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आप भूलकर भी बांस की लकड़ी से बनी अगरबत्ती (Vastu Shastra for Agarbatti) का इस्तेमाल न करें. ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इसके बुरे परिणाम परिवार को भुगतने पड़ते हैं. ऐसा करने से वंश की वृद्धि रुक जाती है और घर में पितृ दोष उत्पन्न हो जाता है.