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Bihar में Electricity Department ने एक बड़ा कमाल किया है। इस कमाल से हर कोई हैरान है। लोगों का चौंकना लाजिमी भी है क्योंकि Department ने जैसा इतिहास रचा है, वैसा बिहार की पुलिस किया करती है। इस कारनामें से ऐसा लग रहा है कि Electricity Department भी अब Bihar Police के रास्तों पर चल रही है।

 

मामला Kutumba block of Aurangabad district के चिल्हकी बिगहा गांव का है। इस गांव के निवासी स्वर्गीय रामदेव ठाकुर पर बिजली विभाग ने विद्युत चोरी के आरोप में अम्बा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। 21 हजार 302 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

 

हद तो ये कि रामदेव ठाकुर की पांच साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है। मामले का खुलासा तब हुआ जब प्राथमिकी के बाद अम्बा थाने की पुलिस मामले की जांच करने गांव पहुंची। गांव पहुंचते ही पुलिस हैरान हो गई। पुलिस की पेशानी पर बल पड़ गए। परेशान हुई पुलिस ने माथा पीट लिया कि कौन से पचड़े में फंस गए।

 

ग्रामीणों ने मामले की जांच करने गई पुलिस को बताया कि रामदेव ठाकुर तो पांच साल पहले ही मर चुके हैं। ये जानकर अब पुलिस और Electricity Department की हालत बेहद पतली हो गई। दोनों ही मामले का नियम संगत पैचअप करने का तरीका निकालने में लगे हैं।

 

अम्बा थानाध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि बिजली विभाग, कुटुम्बा के कनीय अभियंता प्रिय कंचन कुमार निराला ने 3 दिसंबर को चिल्हकी बिगहा निवासी रामदेव ठाकुर समेत तीन लोगों के खिलाफ बिजली चोरी की शिकायत की थी।

शिकायत के बाद विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी संख्या-294/22 दर्ज की गई। मामले की जांच करने जब एएसआई पंकज झा चिल्हकी बिगहा गांव पहुंचे तो गांव वालों से जानकारी मिली कि रामदेव ठाकुर की पांच साल पहले ही मौत हो चुकी है। इस जानकारी से पुलिस ने बिजली विभाग के कनीय अभियंता को अवगत करा दिया है।

 

वहीं, विद्युत विभाग के कनीय अभियंता ने बताया कि बिजली विभाग के धावा दल ने जिस परिसर में छापेमारी की थी, उस परिसर में विद्युत कनेक्शन रामदेव ठाकुर के नाम पर था। इस कनेक्शन को 18 हजार 266 रुपए बिल बकाया होने पर डिस्कनेक्ट कर दिया गया था। जांच में पाया गया कि कनेक्शन नंबर 23050011801 को डिस्कनेक्ट कर देने के बावजूद बिजली का इस्तेमाल कर विद्युत राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही थी।

 

मामले में विभाग 21 हजार 302 रुपए के विद्युत राजस्व की क्षति हुई है। इसी आरोप में ये प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। गांव में छापेमारी के दौरान धावा को किसी ने यह नही बताया कि कनेक्शनधारक रामदेव ठाकुर की पहले ही मौत हो चुकी है। पहले ये जानकारी मिल जाती तो मामला उस परिसर में रह रहे लोगों पर दर्ज किया जाता।


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